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मातृशक्ति को सलामः क्या आप जानते हैं इन साहसी महिलाओं के बारे में

माताओं-बहनों के साहस और विशेष कार्यों पर आधारित कहानियां

देहरादून। 07 मार्च, 2025

आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। मातृशक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करना, उनके कार्यों को याद करना, उनके साहस को सलाम करना, उनके प्रति समानता, उनके अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए एकजुटता रखना, यह किसी एक विशेष दिन नहीं, बल्कि पूरे वर्ष, हर दिन के लिए आवश्यक है। इस बार में हम आपके समक्ष उन महिलाओं की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं,जिनसे हम मिले हैं, जिनके कार्यों को देखा है और जिनसे विभिन्न मुद्दों पर, उनके जीवन पर, उनके साहस पर बात की है।

देखें, उत्तराखंड में रहने वालीं माताओं-बहनों के साहस और विशेष कार्यों पर आधारित कहानियां…

  1. सरिता बोलीं, विपदा आए तो मेरी तरह चट्टान बनकर खड़े हो जाओ
  2. मनरेगा लीडर कविता बोलीं, चुनौतियों से लड़ते-लड़ते मजबूत बन गई मैं
  3. इन महिलाओं ने अपने गांव में बांज का जंगल बना दिया
  4. पशुओं और खेतीबाड़ी को बचाने के लिए 80 साल की मुन्नी देवी का संघर्ष
  5. Uttarakhand: दो लीटर दूध बेचने के लिए रैजा देवी का संघर्ष, बाघ और हमारा रास्ता एक ही है
  6. सफलता की कहानीः एक आइडिया, जिसने चार ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना दिया
  7. मंडुवे और झंगोरे की नमकीन से उद्यमिता की राह पर बड़ासी गांव की महिलाएं
  8. मां तुझे सलामः बेटी को पढ़ाने के लिए रोजाना 16 किमी. पैदल चलती हैं पार्वती
  9. हम आपको “राम की शबरी” से मिलवाते हैं
  10. हर मौसम, रोजाना बीस किलोमीटर साइकिल चलाती हैं ऋषिकेश की ग्रेजुएट जसोदा
  11. संघर्ष गाथाः टिहरी गढ़वाल के गांव की बेटी रेखा अपने दम पर बना रही गायकी में पहचान
  12. उत्तराखंड की इस बेटी को संगीत से मिला हौसला
  13. कहानी संघर्ष कीः आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मधुर वादिनी के साथ पहाड़ की बात
  14. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसः क्या आप कमला देवी को जानते हैं
  15. हुनर से स्वरोजगार में गुमानीवाला की महिलाओं ने किया कमाल
  16. एक आइडिया ने बदला जीवन, पहले स्कूटी पर रखकर खाना बेचा अब दुकान पर लगती है भीड़

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं…

 

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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