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उत्तराखंड में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर पुख्ता तैयारियांः सीएम

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं है। कोविड के दौरान राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अनेक कार्य किए गए हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। कोविड की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। उत्तराखंड के बाहर से आने वाले लोगों को भी ध्यान में रखते हुए व्यवस्था की गई हैं।

सुभाष रोड, देहरादून स्थित एक होटल में स्वास्थ्य संवाद 2021 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं किस तरह और बेहतर हो सकती हैं, इस उद्देश्य से यह संवाद कार्यक्रम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कोविड के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार से राज्य को हर संभव मदद मिली है। केन्द्र से राज्य को पर्याप्त कोविड वैक्सीन मिल रही है। 15 दिसम्बर तक राज्य में शत प्रतिशत टीकाकरण कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार, रुद्रपुर एवं पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज की कार्यवाही गतिमान है, इन मेडिकल कॉलेज के खुलने से राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूती मिलेगी।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं।  कोरोना नियंत्रित तो हुआ है, लेकिन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। जागरूकता अभियान लगातार चलते रहें।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 44 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं।

राज्य सरकार सभी सरकारी चिकित्सालयों में 207 प्रकार की पैथोलॉजी जांच सुविधा निःशुल्क करा रही है। प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस कार्यक्रम के तहत आठ जनपदों में डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है, शेष में भी यह सुविधा जल्द प्रदान की जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत व्यवस्थाओं को और मजबूत बनाना होगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जच्चा बच्चा को अस्पताल से घर तक निःशुल्क छोड़ने के लिए ’खुशियों की सवारी’ को फ्लैग ऑफ किया।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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