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निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में अटल आयुष्मान योजना प्रभावीः धामी

मुख्यमंत्री धामी एम्स में नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन के 43वें दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन "NMOCON-2024" में शामिल हुए

ऋषिकेश। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एम्स ऋषिकेश में नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन के 43वें दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन “NMOCON-2024” के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने अधिवेशन में आए चिकित्सकों एवं छात्रों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानने वाला यह संगठन निरंतर “नर सेवा नारायण सेवा” के भाव से देश में अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा में अंत्योदय की सोच के साथ कार्य कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभार्थियों तक सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के परस्पर समन्वय से कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश में सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में अटल आयुष्मान योजना प्रभावी साबित हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने संपूर्ण विश्व का नेतृत्व किया। कोरोना काल में देश के साथ विदेशों में भी निःशुल्क वैक्सीन दी गई।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह, आरएसएस सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि आदि उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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