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उत्तराखंड में 37 लाख से अधिक बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि मुक्ति दवाई

देहरादून। न्यूज लाइव ब्यूरो

उत्तराखंड में दस सितंबर 2024 को 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को कृमि मुक्ति की दवाई खिलाई जाएगी, जो बच्चे दवा खाने से छूट जाएंगे, उन्हें 18 व 19 सितंबर 2024 को दवा दी जाएगी।

एनएचएम सभागार में आगामी राष्ट्रीय कृमि दिवस आयोजन के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने बताया, राज्य के 37 लाख से अधिक बच्चों को कृमि मुक्ति के लिए दवाई खिलाने का अभियान शुरू किया जा रहा है। अभियान के दौरान बच्चों को कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी।

इस वर्ष 37.29 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। वहीं, पिछले वर्ष कुल 34.96 लाख बच्चों को दवा खिलाई गई थी। यह दवा राज्य के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को खिलाई जाएगी।

मिशन निदेशक ने बताया, कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप बच्चों में कुपोषण, एनीमिया, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कृमि मुक्ति दवा के नियमित सेवन से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास सुचारू रूप से होता है।

मिशन निदेशक ने सभी अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वो इस महत्वपूर्ण अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे कृमि मुक्ति दवा अवश्य लें। यह अभियान राज्य के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और बेहतर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। कृमि मुक्ति दवा सुरक्षित है।

बैठक में डॉ एन.एस. तोमर, निदेशक स्वास्थ्य महानिदेशालय, डॉ मनु जैन निदेशक एनएचएम, डॉ अर्चना ओझा प्रभारी अधिकारी एनएचएम, डॉ उमा रावत, शिक्षा विभाग से डॉ कुलकर्णी गैरोला, महिला एवं बाल सशक्तिकरण से तरुण चमोला एवं एनएसएस, स्काउट एंड गाइड, मदरसा शिक्षा बोर्ड, स्वजल, पंचायती राज, शहरी विकास विभाग एवं नगर निगम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

 

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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