
ऋषिकेश, 30 अप्रैल 2025: Oral Cancer Awareness Uttarakhand- एम्स ऋषिकेश में आयोजित दो दिवसीय सीएमई में देशभर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने मुंह के कैंसर (ओरल कैंसर) की रोकथाम और जागरूकता पर गहन चर्चा की। विशेषज्ञों ने कहा कि इलाज के साथ-साथ इस बीमारी की रोकथाम और समय पर लक्षणों की पहचान जरूरी है।
एम्स के ईएनटी, फोरेंसिक मेडिसिन, और एनाटॉमी विभागों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सीएमई का विषय था “अपडेट्स इन ओरल कैंसर कम केडवेरिक डिसेक्शन वर्कशॉप”। कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री ने किया। उन्होंने इसे चिकित्सकों के लिए लाभकारी बताते हुए ईएनटी विभाग की सराहना की।
ईएनटी विभागाध्यक्ष और आयोजन अध्यक्ष प्रो. मनु मल्होत्रा ने बताया कि भारत में मुंह का कैंसर सबसे आम कैंसरों में से एक है। उन्होंने रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक कार्ययोजना की जरूरत पर बल दिया।
आयोजन सचिव डॉ. मधु प्रिया ने कहा, “अप्रैल के ओरल कैंसर जागरूकता माह के तहत यह आयोजन जनता को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए निरंतर जागरूकता की जरूरत को रेखांकित करता है। लक्षणों की जल्दी पहचान जीवन बचा सकती है।”
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कार्यशाला में देशभर से लगभग 200 कैंसर विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने मुंह के कैंसर की नई तकनीकों और उपचार के अनुभव साझा किए। Oral Cancer Awareness Uttarakhand
मुख्य वक्ता प्रो. दीपक बालासुब्रह्मण्यम (अमृता इंस्टीट्यूट, कोच्चि) और प्रो. पूनम जोशी (टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई) ने युवा चिकित्सकों से ऐसी कार्यशालाओं में भाग लेकर व्यावहारिक कौशल विकसित करने का आह्वान किया।
सीएमई के दौरान फोरेंसिक मेडिसिन और एनाटॉमी विभागों में केडवेरिक डिसेक्शन वर्कशॉप भी आयोजित की गई, जिसने चिकित्सकों को उन्नत तकनीकों से अवगत कराया। यह आयोजन ऋषिकेश को चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता का केंद्र बनाता है, जो उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है।
युवा चिकित्सकों को प्रोत्साहन
इस अवसर पर युवा विद्यार्थियों और सर्जनों को प्रोत्साहित करने के लिए अवार्ड पेपर और ई-पोस्टर प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। केडवेरिक डिसेक्शन वर्कशॉप ने चिकित्सकों को उन्नत तकनीकों से अवगत कराया। इस वर्कशॉप के सफल संचालन में फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. बिनाय कुमार बस्तिया, डॉ. रवि प्रकाश मेशराम, एनाटॉमी विभाग के प्रो. मुकेश सिंगला, प्रो. रश्मि मल्होत्रा, डॉ. राजीव चौधरी, डॉ. राजू बोकन, और कर्ण, नासा, शल्योपचार एवं कंठ, हेड-नेक सर्जरी विभाग से प्रो. मनु मल्होत्रा, डॉ. मधु प्रिया, डॉ. अमित कुमार त्यागी, डॉ. अभिषेक भारद्वाज, और हेड-नेक ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पल्लवी, डॉ. विक्रमजीत का विशेष योगदान रहा।
आयोजन अध्यक्ष प्रो. मनु मल्होत्रा और आयोजन सचिव डॉ. मधु प्रिया ने सभी रेजिडेंट चिकित्सकों और विभागीय कर्मियों का सीएमई को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया। यह आयोजन ऋषिकेश को चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता का केंद्र बनाता है, जो उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है।