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त्रिवेणीघाट- नीलकंठ मंदिर रोपवे को वन्यजीव बोर्ड से मंजूरी सहित कई मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम

Triveni Ghat Neelkanth Mahadev ropeway project

देहरादून, 8 मई, 2025ः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव मंदिर तक प्रस्तावित रोपवे विकास परियोजना (Triveni Ghat Neelkanth Mahadev ropeway project) को प्राथमिकता देते हुए इसके प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि यह रोपवे परियोजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया (बीटल्स आश्रम) के पुनर्रुद्धार के लिए केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया, ताकि ऋषिकेश को वैश्विक स्तर पर योग और पर्यटन हब के रूप में और मजबूती मिले। उन्होंने उत्तराखंड में बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं के प्रबंधन के लिए कैम्पा योजना के अंतर्गत पंचवर्षीय योजना के तहत ₹404 करोड़ की विशेष सहायता का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना के लिए वन भूमि के हस्तांतरण के साथ ही रुपसियाबगड जल विद्युत परियोजना के लिए पर्यावरण स्वीकृति एवं वन भूमि हस्तानांतरण की स्वीकृति दिए जाने का आग्रह किया।

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मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया, विद्युत ऊर्जा की आवश्यकताओं के लिए उत्तराखंड को अन्य राज्यों एवं केन्द्रीय पूल से विद्युत ऊर्जा क्रय करनी पड़ती है। विद्युत आपूर्ति की समुचित व्यवस्था एवं राज्य की बढ़ती जरूरतों की पूर्ति के लिए नई पर्यावरण अनुकूल जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण आवश्यक है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में अत्यधिक मदद मिलेगी और राज्य की पलायन की समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में यमुना नदी की सहायक नदी टौंस पर प्रस्तावित 72 मेगावाट क्षमता की त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक 47.547 हेक्टेयर वन भूमि एवं राजस्व भूमि (बंजर भूमि) के हस्तांतरण की शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में गंगा नदी पर प्रस्तावित परियोजनाओं पर स्वीकृति प्राप्त न होने से यमुना नदी पर तथा कुमाऊं क्षेत्र में गौरीगंगा एवं धौलीगंगा नदियों पर नई विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जाना नितान्त आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सिरकारी भ्योल रुपसियाबगड जल विद्युत परियोजना गौरीगंगा नदी पर प्रस्तावित पहली परियोजना है। उन्होंने 120 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना के लिए आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृति तथा 29.997 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण के प्रस्ताव पर शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक महत्व एवं राष्ट्रहित को देखते हुए राज्य की इन जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जाना लाभकारी होगा।

केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सभी प्रस्तावों पर हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम एवं स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

newslive24x7.com टीम के सदस्य राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून के निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। जीवन का मंत्र- बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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