educationElectionFeaturedUttarakhand
सवाल तो बनता हैः यूपी तो टैबलेट दे रहा है, उत्तराखंड में पैसा क्यों ?
देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश सरकार अपनी घोषणा के अनुसार, छात्र-छात्राओं के लिए लैपटॉप और टैबलेट क्यों नहीं खरीद पाई ? जबकि उत्तर प्रदेश सरकार खरीद पूरी करके फ्री मोबाइल और टैबलेट बांटेंगी।
यह सवाल तो इसलिए भी बनता है, क्योंकि उत्तराखंड सरकार अभी तक विभिन्न योजनाओं और कार्यों के लिए टेंडर के माध्यम से करोड़ों के सामान की खरीद करती आई है। इस खरीद में ऐसा क्या हो गया, जो सफलता नहीं मिली और आखिरकार निर्णय लेना पड़ा कि छात्र-छात्राओं के खातों में रकम जमा की जाए। हालांकि इस निर्णय के पीछे एक पहलू यह भी है कि सरकार ने किसी भी घपले की आशंका या आरोपों से बचने के लिए यह कदम उठाया।
जबकि, उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 25 दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ 60 हजार मोबाइल और 40 हजार टैबलेट वितरित करेंगे। उन्होंने एक करोड़ युवाओं को फ्री मोबाइल और टैबलेट देने की घोषणा की है।
उत्तराखंड में घोषणा के अनुसार, टैबलेट और लैपटॉप क्यों नहीं दिए जा रहे हैं, इसको लेकर सवाल एक नहीं कई उठते हैं, पर इससे पहले हम जान लेते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने की घोषणा की थी। इसकी खरीद के लिए सरकार ने शासन और निदेशालय स्तर पर अधिकारियों की कमेटी गठित की थी।
निर्णय लिया था कि यह कमेटी माध्यमिक और उच्च शिक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए टैबलेट खरीदेगी। शासन और निदेशालय स्तर के अधिकारियों की इस कमेटी की ओर से टेंडर निकाले गए थे। अखबार लिखता है, कुछ फर्मों ने टेंडर भरा, लेकिन 300 करोड़ से भी ज्यादा की कीमत से टैबलेट खरीद में शुरू से ही बड़े घपले की आशंका जताई जा रही थी।
- Uttarakhand Election 2022: आखिरकार हरीश रावत ने कांग्रेस के लिए कह दी अपने मन की बात
- हरीश रावत ने आरोप लगाया तो यूजर ने कहा, आप जैसे नेता को बिना प्रमाण ऐसे बयान नहीं देने चाहिए
अखबार के अनुसार, विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल के उप नेता करन माहरा ने टैबलेट खरीद में गोलमोल की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि जिस कंपनी और मॉडल का टैबलेट खरीदा जा रहा है, वे ऑनलाइन नौ हजार रुपये तक उपलब्ध है। कुछ अन्य खर्च जोड़कर यह हद से हद 12 हजार रुपये तक मिल जाएगा, लेकिन खरीद के नाम पर सरकार प्रति टैबलेट 16 हजार रुपये खर्च कर रही है। कहा था कि इस पूरे प्रकरण में एक मध्यस्थ की भूमिका है, जो बड़े लोगों का करीबी है।
हम ने घोषणा की थी कि विद्यालय एवं महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को टैबलेट उपलब्ध कराएंगे। हम DBT के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में इसकी धनराशि को उपलब्ध कराएंगे: मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी। pic.twitter.com/tEg9RvASiO
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) December 19, 2021
अब सरकार ने निर्णय लिया है कि उत्तराखंड में समस्त महाविद्यालयों और उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के 2.59 लाख छात्र-छात्राओं को इसी महीने टैबलेट के लिए पैसे मिल जाएंगे। विभाग ने 25 दिसंबर को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में समारोह करने की तैयारी कर ली है। संबंधित छात्र-छात्राओं के खातों में डीबीटी के माध्यम से 12-12 हजार रुपये जमा किए जाएंगे।
वहीं, प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड बोर्ड के वर्ष 2019-20 के मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप देने का निर्णय लिया था। पर, अब उत्तराखंड बोर्ड के दसवीं एवं 12वीं की मेरिट में आए टॉप 25 छात्र-छात्राओं के खाते में 40-40 हजार रुपये जमा किए जाएंगे।
सवाल यह उठता है कि क्या छात्र-छात्राओं के खातों में पैसा जमा करने से उस मंशा को पूरा किया जा सकेगा, जिसके लिए उनको लैपटॉप व टैबलेट देने का निर्णय लिया गया था। पढ़ाई के लिए ऑनलाइन के दौर में क्या लैपटॉप व टैबलेट की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है, जैसा कि पूर्व में सरकार ने ही निर्णय लिया था?
सवाल यह भी उठता है कि क्या छात्र-छात्राओं से इस बात का कोई प्रमाण लेने की व्यवस्था की जाएगी कि उन्होंने वास्तव में इस धनराशि से लैपटॉप या टैबलेट ही खरीदे, जिसके लिए उनके खातों में सरकार ने धनराशि जमा करेगी। उनके द्वारा की गई खरीद की पुष्टि के लिए क्या व्यवस्था होगी? हालांकि सरकार को अपने निर्णय से इस बात की पूरी उम्मीद है कि छात्र-छात्राएं इस धनराशि से लैपटॉप या टेबलैट ही खरीदेंगे।
- Uttarakhand election 2022 : क्या अप्रशिक्षितों से चोर दरवाजे से काम लिया जा रहा है
- Uttarakhand election: सिसोदिया ने जो दिखाया, क्या वो पहले कभी नहीं दिखा