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आइए करें बुधेर की सैर 

“पलायन एक चिंतन” की संगोष्ठी (14-15अगस्त 2016) में शामिल होने के लिए कनासर आते समय सात किमी पहले बुधेर गेस्ट हाउस की राह ली। वन विभाग के इस गेस्ट हाउस तक पहुंचने के लिए लौखंडी से मुख्य सड़क से तीन किमी. जीप वाली सड़क से होकर जाना होता है। यह रास्ता देवदार के जंगल के बीच से होकर गुजरता है। 1868 में ब्रिटिश अफसर द्वारा बनवाया गया यह फारेस्ट विश्राम गृह उत्तरी भारत में सबसे पुराना बताया जाता है। यह समुद्र सतह से लगभग 2523 m की ऊंचाई पर है। यह चकराता से 20 किमी की दूरी पर स्थित है।

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सुना है सर्दियों में कभी कभी नौ फुट से अधिक बर्फबारी होती है। यहाँ से मैला अल्पाइन घास के मैदान के लिए तीन किमी का ट्रैक है, जहाँ से हिमालय की सभी प्रमुख चोटियों के दर्शन होते हैं। बुधेर गुफा के लिए यहाँ से करीब तीन किमी. का ट्रैक है।

प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर यह बैरक शैली में बना देवदार के पेड़ों से घिरा फारेस्ट रेस्ट हाउस (FRH) शांति और सुकून की जगह है। आप जब कभी यहाँ आएं तो कृपया रेस्ट हाउस को पहले से बुक करा लें। यहाँ पर केवल एक चौकीदार है। आप अपने साथ अपनी जरूरत की सभी चीजें रखें। यहाँ आज तक बिजली नहीं पहुंची है। मोबाइल चार्ज के कोई साधन नहीं है। मोबाइल फोन नेटवर्क हिमाचल का चलता है। इस गेस्ट हाउस के बरामदे से शाम के समय लिए कुछ फोटोग्राफ।

प्रस्तुतिः दिनेश कंडवाल

टैग्स

बुधेर, चकराता, लौखंडी, बर्फबारी, ब्रिटिश अफसर, बैरक शैली, देवदार के पेड़,newslive24x7.com

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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