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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एकल महिलाओं को सम्मानित किया

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने एकल महिलाओं को सम्मानित किया और वात्सल्य योजना के 6,286 लाभार्थियों को माह फरवरी के एक करोड़ 89 लाख रुपये का डिजिटल हस्तान्तरण किया।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तहत महिला सशक्तीकरण एवं सुरक्षा सप्ताह में ‘एकल महिला संघर्ष से सशक्तिकरण की ओर’ विषय पर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय सनातन संस्कृति में नारी को देवी का दर्जा प्राप्त है। आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं, वे हर जगह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपने आपको साबित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में राज्य की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण का संपूर्ण लाभ देने के लिए तेजी से कार्य किया है। आज प्रदेश के दुर्गम गांव में महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिये अर्थव्यवस्था को गति दे रही हैं। इस अवसर पर विधायक दलीप सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव एचसी सेमवाल, अपर सचिव निवेदिता कुकरेती एवं मातृशक्ति उपस्थित रहे।

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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