
ऋषिकेश, 8 अप्रैल 2025
एम्स ऋषिकेश के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर “उत्तराखंड में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में नवाचारों के लिए नीति एवं योजनाएं” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया। पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञों ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और उन्हें सुदृढ़ बनाने पर विचार साझा किए।
मुख्य अतिथि राज्य योजना आयोग (सेतु आयोग, उत्तराखंड) के उपाध्यक्ष डॉ. राजशेखर जोशी ने कहा कि डिजिटल हेल्थ, टेलीमेडिसिन और स्मार्ट हेल्थकेयर दूरस्थ क्षेत्रों तक सेवाएँ पहुँचाने में मदद करेंगे। डॉ. जोशी ने बताया कि सेतु आयोग, एम्स ऋषिकेश के साथ मिलकर हेलीएम्बुलेंस और टेलीमेडिसिन पर कार्य योजना बनाएगा। उन्होंने नीति और कार्यान्वयन में तालमेल पर जोर दिया।
एम्स की भूमिका
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियों के लिए तकनीक को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि हेली एम्बुलेंस सर्विस राज्य के लिए गेमचेंजर होगी। विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना ने शैक्षिक, अनुसंधान और रोगनिदान कार्यों का विवरण देते हुए समग्र स्वास्थ्य नीति की वकालत की।
पैनल चर्चा
“स्वास्थ्य में नीति और व्यवहार में अंतराल” पर पैनल चर्चा हुई। इसमें प्रो. सुरेखा किशोर, प्रो. मीनाक्षी धर, प्रो. रंजीता कुमारी, प्रो. अनिद्य दास, डॉ. प्रदीप अग्रवाल, डॉ. दीपा जोसफ और डॉ. रूबी कटारिया ने कैंसर उपचार, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, धूम्रपान निषेध, वृद्धजन और ट्रॉमा केयर पर चर्चा की। संचालन प्रो. वर्तिका सक्सेना और सेतु आयोग की सलाहकार डॉ. भावना शिंदे ने किया।
विशेषज्ञों ने कहा कि नीति और कार्यान्वयन में अंतर संसाधन कमी, प्रशिक्षण और समन्वय की कमी से आता है। ग्रामीण डॉक्टरों-नर्सों के लिए प्रशिक्षण और विभागों (स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याण) के बीच सहयोग जरूरी है।
उपस्थित लोग
कार्यक्रम में डीन एकेडेमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, अस्पताल अधीक्षक प्रो. सत्या श्री, विभाग की फेकल्टी प्रो. सुरेखा किशोर, प्रो. रंजीता कुमारी, डॉ. प्रदीप अग्रवाल, डॉ. स्मिता सिन्हा, डॉ. मीनाक्षी खापरे, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. अजीत सिंह, सीनियर-जूनियर रेजिडेंट्स, MPH छात्र-छात्राएँ और इंटर्न्स शामिल हुए।