Creativity

अभिराम राम

उमेश राय

हो निराशा जब प्रबल,तम में घिरा तमाम।
चेतना के परिष्करण, तब याद आए राम ।।

हर दिशाएं, सहमी-सहमी,
संकुचित – सी कुसुम है,
आह गूँजे, राह में फिर लौटकर,
रोशनी की किरन गुम है।
साधुता गढ़कर छले,दुर्जनता सुबह – शाम।
चेतना के परिष्करण, तब याद आए राम ।।

है विकल ‘कल’,आज का डर,
रावणी माया प्रबल है,
संस्कृति का अपहरण नित,
कालिमा का काला दल है।
टूटते जब मूल्य-मानक,दरकते हर धाम।
चेतना के परिष्करण, तब याद आए राम ।।

राजसिक मन-भवन रमता,
अंतस-वैभव छीजता है,
त्याग का हो लोप जैसे,
मानवीय पथ खीजता है।
सच,करूणा,नेह भूले,सिसकते सारे आयाम ।।
चेतना के परिष्करण, तब याद आए राम ।।

शक्ति-पूजा, पद व गरिमा,
उदारमना मिलते कहाँ अब,
हैं घिरे गहरे सभी,
वचन-कर्म का एकक नहीं जब।
दूरियाँ व द्वंद्व मानस,स्वार्थ का गहरा संग्राम।
चेतना के परिष्करण, तब याद आए राम।।

पाँव में छाला पड़ा,
और हाथ में गरमी नहीं है,
प्रेम का है साथ छूटा,
है शुष्कता,हृद-नमी नहीं है।
संवेदना बिन वेद सूखा,रस नहीं अभिराम।
चेतना के परिष्करण, तब याद आए राम।।

सर्वमत को कौन पूछे,
स्व-मत की भी खबर नहीं है,
सच सदा वनवास में प्रिय!
उसे लौटने को घर नहीं है।
काटता है शहर-घर, सुखद आत्म – पथ का ग्राम।
चेतना के परिष्करण, तब याद आए राम।।
-रामनवमी की स्वस्तिकामना..

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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