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उत्तराखंड में 59.34 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड, 14 लाख से ज्यादा ने उठाया लाभ

राज्य सरकार ने आयुष्मान योजना से उपचार पर अब तक 2688.09 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया

देहरादून, 12 मार्च 2025

उत्तराखंड में अब तक 59.34 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इस योजना का अब तक 14 लाख से अधिक लोग लाभ उठा चुके हैं, जिस पर सरकार ने 2688.09 करोड़ का बजट खर्च किया है। सरकार ने शत-प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत संचालित आयुष्मान योजना का लाभ प्रदेश के लोग बखूबी उठा रहे हैं।

उत्तराखंड के किस जिले में कितने आयुष्मान कार्ड 

 

जिला

आयुष्मान कार्डों की संख्या
अल्मोड़ा 298246
बागेश्वर 130670
चमोली 226919
चंपावत 144851
देहरादून 1187068
हरिद्वार 1001706
नैनीताल 575810
पौड़ी 421711
पिथौरागढ़ 255837
रुद्रप्रयाग 136012
टिहरी 353749
उधमसिंह नगर 1003902
उत्तरकाशी 197595

 

आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क उपचार कराने वाले
लोगों की संख्या
जिला
निःशुल्क उपचार कराने वाले लोगों की संख्या
अल्मोड़ा 41699
बागेश्वर 19666
चमोली 52476
चंपावत 26294
देहरादून 356880
हरिद्वार 253295
नैनीताल 124600
पौड़ी 113122
पिथौरागढ़ 46588
रुद्रप्रयाग 31794
टिहरी 78504
उधमसिंह नगर 218261
उत्तरकाशी 46072

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान योजना कि तहत अबतक प्रदेश में 1409251 लोगों ने निःशुल्क अपना उपचार कराया है।

राज्य सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत किए गए उपचार पर अब तक 2688.09 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शत-प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसकी मॉनिटिरिंग स्वास्थ्य विभाग लगातार कर रहा है।  प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान कार्ड से वंचित रह गए लोगों के कार्ड बनाने के लिए शीघ्र ही विशेष अभियान चलाया जाएगा।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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