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मेरे गांव की सड़क

एक वक्त
जब नहीं थी मेरे गांव में सड़क
मुश्किलों से भरा होता था रास्ता
और धार* के उस पार थे
बाज़ार , हस्पताल और सड़क

तब मेरे गांव के लोग
जुड़े थे एक दूसरे के सहयोग से
तब आस पास के गांव जाने में
नहीं लगती थी थक
बल्कि होता था उल्लास

अपने ही दूसरे परिवार से मिलने का
एक धार* पर एक साथ
खड़ा हो जाता था पहाड़
पहाड़ की मुश्किलें बांटने के लिए

तब बच्चे जाते थे दूर स्कूल
बनाते हुए चार पांच गांव से रिश्ता
शरारतों से भरा सफ़र और
गुरजी का आदर…

वो दूर का स्कूल करता था उनके भीतर
प्रकृति , समाज, ज्ञान , प्रेम और
पहाड़ का समन्वय

मगर जब उस दिन
आई मेरे गाँव में सड़क
तो साथ लाई शहर की गंध
एक ऐसी गंध
जिस पर मोहित होकर
एक एक कर गांव छोड़ गए 
मेरे गांव के लोग
कभी न लौटने के लिए

और जो बच गए
वो भी इसी उम्मीद में है कि
किसी दिन कोई आयेगा और
वे भी चले जाएंगे
उसी सड़क से शहर की ओर….

और इसके बाद
अब भी मौजूद है मेरा सड़क वाला गांव
कुछ शहर वालों की याद में और
कुछ खंडहरों में…..

#निकिता

*1- पहाड़ के दूसरी तरफ

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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