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स्कूटी पर कोकीन की डिलीवरी लेने आया नाइजीरियाई, 15 करोड़ की कोकीन जब्त, दो दबोचे

अफ्रीका से नेपाल होते हुए दिल्ली ट्रेन से पहुंचाई गई कोकीन को जब्त किया

नई दिल्ली। न्यूज लाइव ब्यूरो

नशीली दवाओं की तस्करी पर शिकंजा कसने का सिलसिला जारी रखते हुए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। आज नई दिल्ली में लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्‍य की 1.59 किलोग्राम कोकीन जब्त की।

यह गिरोह भारत-नेपाल सीमा के रास्‍ते अफ्रीका से भारत में नशीली दवाओं और साइकोट्रॉपिक पदार्थों (एनडीपीएस) की तस्करी में लिप्‍त है।

विशिष्ट खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक भारतीय नागरिक, जो 22.03.2024 की सुबह बिहार के रक्सौल से एक ट्रेन में दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था, को वहां रोक लिया गया और सफेद पाउडर जैसे पदार्थ वाले हल्के पीले रंग के 92 कैप्सूल उससे बरामद किए गए। एनडीपीएस की फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके किए गए नमूना परीक्षण से बरामद पदार्थ में कोकीन की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

उस व्‍यक्ति से आगे पूछताछ करने से पता चला कि यह खेप द्वारका, नई दिल्ली में एक व्यक्ति को दी जानी थी। बड़ी तेजी से की गई कार्रवाई के परिणामस्वरूप एक नाइजीरियाई नागरिक को रोका गया, जो नई दिल्ली के द्वारका में ‘एनडीपीएस’ की डिलीवरी लेने के लिए स्कूटी पर आया था।

तस्करी के इस मामले में यह गिरोह अफ्रीकी देशों से सीधे या हवाई मार्ग से दुबई के रास्‍ते नेपाल के काठमांडू में ट्रॉली बैग में छिपाकर या शरीर में कैप्सूल डालकर प्रतिबंधित पदार्थ की तस्करी का काम करता था।

इसके बाद इस गिरोह ने भारतीय नागरिकों का इस्तेमाल किया, जिन्होंने नई दिल्ली से काठमांडू के लिए उड़ान भरी, ताकि काठमांडू के विभिन्‍न होटलों सहित पूर्व-निर्धारित स्थानों से प्रतिबंधित सामग्री एकत्र की जा सके और फि‍र भारत-नेपाल सीमा के पार उसकी तस्करी की जा सके। इसके बाद संबंधित वाहक सड़क मार्ग या ट्रेन के जरिए इस खेप को नई दिल्ली ले आएगा।

1.59 किलोग्राम (कुल भार) के 92 कैप्सूलों में छिपाई गई इस बरामद कोकीन, जिसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है, को जब्त कर लिया गया और संबंधित वाहक एवं प्राप्तकर्ता दोनों को ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में आगे जांच जारी है। (पीआईबी)

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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