current AffairsFeaturedUttarakhand

Uttarakhand : महिलाएं करेंगी पेयजल स्रोतों और लाइनों की जांच

नई दिल्ली। जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में  56.7 करोड़ रुपए की पेयजल आपूर्ति योजना को मंजूरी दी गई है। यह राज्यस्तर पर अनुमोदन करने वाली समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में तय किया गया। इस तरह, एक महीने में उत्तराखंड में 549.60 करोड़ रुपए लागत की स्वीकृत पेयजल आपूर्ति योजनाओं में 706 गांवों को शामिल किया गया है। ये गांव छह जिलों के हैं और 49,298 घरों को फायदा होगा।
एसएलएसएससी की 13 दिसंबर को बुलाई गई बैठक में, जिन पांच जलापूर्ति योजनाओं को स्वीकृति दी गई है, उनमें दो एकल ग्राम योजनाएं हैं और तीन बहु-ग्रामीण योजनाएं हैं। योजनाओं के तहत गांवों में 6,800 से अधिक घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।
वहीं, जल की गुणवत्ता की निगरानी और देखरेख गतिविधियों को प्राथमिकता देने के लिए हर गांव से पांच महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वो पेयजल स्रोत की जांच और पानी पहुंचने के गंतव्य की जांच करेंगी।
अब तक उत्तराखंड में 15.18 लाख ग्रामीण घरों में से 7.49 लाख (49.39 प्रतिशत) में नल से पानी पहुंचाया जा रहा है। वर्ष 2021-22 के लिए राज्य की योजना है कि 2.64 लाख घरों को पाइप से पेयजल कनेक्शन दिया जाए।
जल जीवन मिशन के तहत प्रावधान है कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की स्थापना की जाए, ताकि ग्रामीण घरों को नल से पानी का कनेक्शन देने के प्रावधान बनाने के लिए योजना पर विचार किया जा सके तथा योजना को स्वीकृति दी जा सके। एसएलएसएससी, राज्यस्तरीय समिति के तौर पर काम करती है। यह जलापूर्ति योजनाओं/परियोजनाओं पर विचार करती है। साथ ही वह राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा नामित है तथा समिति की सदस्य है।
हर घर को नल से साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा महिलाओं और लड़कियों को दूर-दराज से पानी लाने की मेहनत से बचाने के लिए मिशन ने अनुदान सहायता के रूप में उत्तराखंड को 2021-22 के दौरान 360.95 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए उत्तराखंड को 170.53 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। इस वर्ष केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 1,443.80 करोड़ रुपए आवंटित किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक हैं। जल शक्ति मंत्री ने यह चार गुनी अधिक सहायता स्वीकार करने के साथ राज्य को पूरी सहायता का आश्वासन दिया कि दिसंबर 2022 तक हर ग्रामीण घर में पाइप से पानी के कनेक्शन का प्रावधान कर दिया जाएगा।
15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन के शुरू होने के समय, केवल 1.20 लाख (8.58 प्रतिशत) घरों को ही नल से पेयजल मिलता था। कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा होने वाली अड़चनों और तालाबंदी के बावजूद 27 महीनों में राज्य ने 6.19 लाख (40.80 प्रतिशत) घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया।
जेजेएम (जल जीवन मिशन) के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने राज्य से आग्रह किया है कि वह इस साल राज्य में 2.64 लाख ग्रामीण घरों को नल से पानी का कनेक्शन उपलब्ध करा दे। केंद्र सरकार सुनिश्चित कर रही है कि उत्तराखंड में बदलाव लाने वाले इस मिशन के क्रियान्वयन के लिए निधियों की कोई कमी न होने पाए।
इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-22 में ग्रामीण स्थानीय निकायों/पीआरआई को पानी और स्वच्छता के लिए अनुदान की महत्ता को ध्यान में रखते हुये उत्तराखंड को 256 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। अगले पांच वर्षों, यानी 2025-26 तक 1,344 करोड़ रुपये के संलग्न अनुदान राशि का आश्वासन है। उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में यह भारी निवेश आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाएगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। इससे गांवों में आजीविका पैदा करने के अवसर भी बनेंगे।
एनजेजेएम टीम का कहना है कि कारगर समुदायिक योगदान की जरूरत है। उसने राज्य को सलाह दी है कि वह इस्तेमालशुदा पानी के प्रबंधन का प्रावधान करे। यह काम जलापूर्ति योजना से जुड़कर किया जाए, क्योंकि यह जल जीवन मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक है।
जल की गुणवत्ता की निगरानी और देखरेख गतिविधियों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिये हर गांव से पांच महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे पेयजल स्रोत की जांच और पानी पहुंचने के गंतव्य की जांच करेंगी।
इसके लिये उन्हें फील्ड टेस्ट किट दी जा रही हैं। अब तक इन किट को इस्तेमाल करने के लिये 38 हजार से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। राज्य की जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को उन्नत बनाया गया है तथा उन्हें लोगों के लिए खोल दिया गया है, ताकि लोग मामूली दरों पर खुद अपने पानी के नमूनों की जांच कर सकें।
जल जीवन मिशन के तहत राज्य के जल की गुणवत्ता से प्रभावित बस्तियों, आकांक्षी और जेई/एईएस प्रभावित जिलों, एससी/एसटी बहुल गांवों, एसएजीवाई गांवों को प्राथमिकता दी जाती है।‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना के साथ काम करते हुए, जल जीवन मिशन का मंत्र है ‘पीछे कोई न छूटने पाए’ तथा उसका उद्देश्य है पेयजल तक सबकी पहुंच।
2019 में मिशन के आरंभ के समय देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) घरों को नल द्वारा पानी मिलता था। पिछले 27 महीने के दौरान कोविड-19 महामारी तथा बंदी के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से क्रियान्वित किया गया।
अब तक 5.42 करोड़ ग्रामीण घरों को नल से पानी का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है। इस समय देश के 8.66 करोड़ (45.04 प्रतिशत) घरों में नल से पानी पहुंचता है। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, पुदुच्चेरी, दादर व नागर हवेली तथा दमन एवं दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण इलाकों के 100 प्रतिशत घरों को नल द्वारा पानी मिल रहा है। इस समय 83 जिलों के 1.27 लाख से अधिक ग्रामीण घरों को पाइप द्वारा पानी का कनेक्शन उपलब्ध है।- साभार पीआईबी

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button