
कर्मचारियों, पेंशनर्स और आश्रितों के गोल्डन कार्ड संबंधी समस्याएं दूर करेगी सरकार
Golden Card Scheme Uttarakhand- देहरादून, 13 मई 2025: प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड योजना के तहत उपचार में हो रही व्यावहारिक समस्याओं को शीघ्र दूर किया जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को लाभार्थियों के लिए समुचित सुविधाएं सुनिश्चित करने और ठोस व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, योजना के निर्बाध संचालन के लिए हितधारकों से चर्चा कर ठोस प्रस्ताव तैयार करने और शासन को सौंपने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य विभाग के तकनीकी संवर्ग के रिक्त पदों को आई.पी.एच.एस. मानकों के अनुरूप सृजित कर जल्द भर्ती करने के निर्देश भी दिए गए।
मंगलवार को सचिवालय के मुख्य सचिव सभागार में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में गोल्डन कार्ड योजना (Golden Card Scheme Uttarakhand) की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, वित्त सचिव दिलीप जावलकर, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह ह्यांकी, और प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी उपस्थित रहे।
राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एस.जी.एच.एस.) की समीक्षा के दौरान डॉ. रावत ने अधिकारियों को गोल्डन कार्ड योजना के सभी लाभार्थियों को निर्बाध लाभ सुनिश्चित करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह योजना कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और प्रत्येक लाभार्थी को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने हितधारकों से सुझाव लेकर औचित्यपूर्ण प्रस्ताव तैयार करने और शासन को सौंपने का निर्देश दिया, ताकि इसे कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जा सके।
गोल्डन कार्ड योजना की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि लाभार्थियों के अंशदान की तुलना में उपचार खर्च में भारी वृद्धि हुई है, जिससे गैप फंडिंग के कारण योजना के संचालन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। वर्ष 2024-25 में राजकीय व स्वायत्त कार्मिकों तथा पेंशनरों से 150 करोड़ रुपये का अंशदान प्राप्त हुआ, जबकि लाभार्थियों के उपचार पर 335 करोड़ रुपये खर्च हुए। इस वित्तीय अंतर के कारण अस्पतालों का भुगतान न हो पाना योजना के लिए चुनौती बना हुआ है।
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योजना के सुचारू संचालन के लिए अधिकारियों ने कई सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें मास्टर पैकेज लागू करना, अंशदान में वृद्धि, अस्पतालों द्वारा अनुचित आर्थिक लाभ की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना, सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहन देना, और औषधि केंद्रों से दवा वितरण शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पूर्व में शासन को भेजे गए प्रस्तावों की जानकारी भी साझा की गई।
बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक वित्त अभिषेक आनंद, निदेशक प्रशासन डॉ. विनोद टोलिया, स्वास्थ्य विभाग, और एस.एच.ए. के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य विभाग में तकनीकी संवर्ग के पदों पर शीघ्र भर्ती
देहरादून, 13 मई 2025: सचिवालय के मुख्य सचिव सभागार में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के तकनीकी संवर्ग के विभिन्न पदों पर शीघ्र भर्ती के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की अधिकांश चिकित्सा इकाइयों में चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए हैं। इनके संचालन और रखरखाव के लिए तकनीशियनों तथा चिकित्सालयों की पैथोलॉजी और ब्लड बैंकों में लैब तकनीशियनों की नियुक्ति आवश्यक है।
डॉ. रावत ने विभागीय अधिकारियों को आईपीएचएस मानकों के अनुरूप लैब तकनीशियन, ओटी तकनीशियन, डायलिसिस तकनीशियन, ईसीजी तकनीशियन, एक्स-रे तकनीशियन, और ऑप्टोमेट्रिस्ट जैसे पदों को शीघ्र सृजित कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।