
देहरादून जिला के दूरस्थ गांव इठारना स्थित राजकीय इंटर कालेज में दूरस्थ गांवों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। ये बच्चे पहाड़ की पगडंडिया, संकरे रास्ते और घने वनों से होते हुए कई किमी. का पैदल सफर करते हैं।
डुगडुगी की टीम ने बच्चों को एक कहानी सुनाई जो संघर्ष और कठिन दौर की चुनौतियों से लड़ना सिखाती है। बच्चों ने बड़े ध्यान से इस कहानी को सुना और इसके महत्व पर चर्चा की। कहानी का एक अंश इस प्रकार है-
पहाड़ में बारिश की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत तो नालों- खालों के किनारे खड़े छोटे-बड़े पेड़ पौधों को हो रही है, क्योंकि वो तो कहीं नहीं जा सकते। उनको हर मुसीबत का सामना एक जगह खड़े होकर ही करना है। उनको अपना अस्तित्व संकट में दिख रहा है।
मिट्टी कहती है, मैं तो पूरी कोशिश कर रही हूं कि कोई भी इस बाढ़ में न बहे। अब मैं कुछ कमजोर पड़ रही हूं। मेरा काफी हिस्सा पानी में बह चुका है। अगर तुम अपनी मदद के लिए खुद तैयार नहीं होगे तो मैं भी क्या कर सकती हूं।
पूरी कहानी के लिए देखिये यह वीडियो…