FeaturedUttarakhand

Video: क्या उत्तराखंड के अफसरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धोखा दे दिया ?

हरिद्वार। यह तो हद हो गई, जहां भ्रष्टाचार चीख चीखकर अपने होने की दुहाई दे रहा है, वहां अफसरों को न तो कुछ दिखाई दे रहा है और न ही सुनाई। लगभग 24 करोड़ की यह परियोजना अपनी शुरुआत में ही ढह गई, पर अफसर दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय जांच के बाद जांच के खेल में जुटे हैं। यह व्यथा कथा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस ड्रीम प्रोजेक्ट की है, जिसके तहत गंगा नदी को स्वच्छ बनाने की कवायद केंद्र से लेकर राज्य तक है।

नमामि गंगे परियोजना की नहर लोकार्पण के कुछ दिन बाद ही ध्वस्त हो गई। इस परियोजना का ऑनलाइन लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। फोटो- डुगडुगी

हरिद्वार शहर से कुछ आगे लक्सर रोड पर कटारपुर होते हुए थोड़ा आगे बढ़ते हैं, तो आपको खेतों के बीच से गुजरती पाइप लाइन दिख जाएगी। वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल हमें उस जगह पर ले जाते हैं, जहां खराब स्ट्रक्चर की वजह से पाइप लाइन करीब एक साल से ढही पड़ी है।

वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल। फोटो- डुगडुगी

श्री डोभाल के अनुसार, प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे के तहत जगजीतपुर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से गांव रानी माजरी (लक्सर) तक दस किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई गई थी।

 

इसके माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट के बाद निकलने वाले शोधित पानी को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाना था। इस पाइप लाइन से शोधित पानी से आसपास के खेतों की सिंचाई करनी थी।

नमामि गंगे परियोजना की करीब 24 करोड़ की लागत वाली नहर, जो कुछ ही दिन में ध्वस्त हो गई, पर इन दिनों किसान मचान बनाकर फसलों की सुरक्षा कर रहे हैं। फोटो-डुगडुगी

“वर्ष 2017 में 24 करोड़ रुपये की धनराशि इस योजना के लिए आवंटित की गई थी। पाइप लाइन बिछाने की यह योजना वर्ष 2020 में पूरी हो गई, लेकिन योजना का बड़ा हिस्सा इस्तेमाल से पहले ही ढह गया। उनके पास इस बात के पुख्ता साक्ष्य हैं कि योजना का स्ट्रक्चर सही तरीके से खड़ा नहीं किया गया। पाइप लाइन को पिलर पर से आगे बढ़ाना था, पर यहां ऐसा नहीं किया गया,” डोभाल कहते हैं।

हरिद्वार जिला में नमामि गंगे परियोजना के तहत बनी नहर के पाइपों का बेस कुछ इस तरह बनाया गया था, जो ध्वस्त होने के बाद ऐसा दिखता है। फोटो- डुगडुगी

उन्होंने पाइप वाली इस नहर के निर्माण के दौरान सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के एक दिसंबर 2018 के उस जांच पत्र की भी जानकारी दी, जो अधीक्षण अभियंता को लिखा गया था।

एक दिसंबर 2018 को मुख्य अभियंता की ओर से अधीक्षण अभियंता को लिखे पत्र की कॉपी, जो वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल ने हमें उपलब्ध कराई।

इस पत्र में नहर के स्थलीय निरीक्षण के दौरान मिली खामियों का जिक्र है। उन्होंने नहर की फाउंडेशन के निर्माण को गैर तकनीकी एवं अलाभकारी बताया था। उन्होंने 11 बिन्दुओं पर जवाब मांगा था। पर, इन 11 बिन्दुओं पर क्या कार्रवाई हुई, कोई जानकारी नहीं है। श्री डोभाल साफ कहते हैं, अफसरों ने प्रधानमंत्री से एक ऐसी योजना को लोकार्पण करा दिया, जो कुछ ही दिन में ढह गई।

हरिद्वार जिला में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की ध्वस्त नहर।

”हाल ही में, जांच दल ने स्थलीय निरीक्षण किया था। हालांकि अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली। पर, यहां तो साफ तौर पर ढही हुई पाइप लाइन दिख रही है, जो साफ तौर पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। पर, यह समझ से परे है कि एक साल से किसी भी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह पूरे 24 करोड़ की पाइप लाइन का मामला है, ” वरिष्ठ पत्रकार डोभाल सवाल उठाते हैं।

उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे की इस योजना का ऑनलाइन लोकार्पण किया था। लोकार्पण के बाद से इसमें एसटीपी से निकला शोधित पानी नहीं बहा। अगर, यह योजना सही तरीके से बनती तो दस गांवों की खेती को बड़ा फायदा मिलता।

वहीं, इस पाइप लाइन के घटिया निर्माण के दोषियों पर एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं होना, ताज्जुब की बात है। इससे तो साफ जाहिर होता है कि राज्य के अफसरों को सरकारी धन के दुरुपयोग की चिंता नहीं है। उनको प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की भी चिंता नहीं है। यदि चिंता होती तो योजना की ऐसी दुर्दशा नहीं होती।

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker