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धारचूला क्षेत्र में आदि कैलाश, ओम पर्वत के दर्शनों के लिए हेलीसेवा शुरू करेगा पर्यटन विभाग

हेली सेवाएं शुरुआत में छह माह के लिए चलाने का प्रस्ताव

देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय में आदि कैलाश की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाओं और कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए पर्यटन विभाग के साथ बैठक की।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप पर्यटन विभाग पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में स्थित आदि कैलाश अथवा छोटा कैलाश, ओम पर्वत, पार्वती सरोवर पवित्र धार्मिक स्थलों के दर्शनों के लिए हेली सेवाएं शुरू कर रहा है।

ये हेली सेवाएं प्रारम्भिक रूप से छह माह के लिए संचालित किए जाने का प्रस्ताव है। छह माह के बाद यात्रा संचालन का व्यापक परीक्षण कर भविष्य में इस योजना को नियमित रूप से यात्रियों के लिए संचालित किया जा सकेगा।

मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को आदि कैलाश क्षेत्र में पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने की कार्ययोजना पर गंभीरता और तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव पूजा गर्ब्याल तथा पर्यटन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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