Creativity
तितली ! सभी शूलों को फूल होने दो…
उमेश राय
तितली ! सभी शूलों को फूल होने
दो….
परिवर्तन सतही नहीं,आमूल-चूल
होने दो.
सीखने दो बच्चों को सहज- सरल
ही,
कभी-कभी इनसे तो भूल होने
दो.
वटवृक्ष ! टहनियों को भी अब मूल
होने दो,
बीच मझधार में बहो,उसे कूल(किनारा) होने दो,
प्रेम सर्व-समर्पण है स्वरूप में प्रिय !…
दीवारें सब तोड़ो,उन्हें पुल होने
दो.
(पुल:सेतु).