
ऋषिकेश। 26 मार्च, 2025
एम्स का यूरोलाॅजी विभाग हर मंगलवार को अपराह्न दो से चार बजे तक महिलाओं के लिए विशेष क्लीनिक चलाता है। यदि मूत्र संबंधी किसी भी तरह की कोई समस्या है तो बिना किसी संकोच के ओपीडी में चिकित्सा विशेषज्ञों से इलाज करा सकते हैं।
एम्स ऋषिकेश के अनुसार, संकोच की वजह से महिलाएं अपनी स्वास्थ्य समस्या को लेकर अस्पताल नहीं जातीं। इससे समस्याएं धीरे धीरे गंभीर होती जाती हैं। एम्स ऋषिकेश के यूरोलाॅजी विभाग ने उनको फीमेल पेल्विक क्लीनिक में आने की सलाह दी है।
विभाग के हेड डाॅ. अंकुर मित्तल ने बताया, मूत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए समर्पित फीमेल पेल्विक मेडिसिन और न्यूरो-यूरोलॉजी क्लीनिक का संचालन हर मंगलवार को अपराह्न 2 बजे से 4 बजे तक किया जाता है।
यह क्लीनिक तृतीय तल पर स्थित यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में संचालित होता है। जहां अनुभवी यूरोलाॅजिस्ट डॉक्टर महिला रोगियों की विभिन्न समस्याओं का उपचार करते हैं।
डाॅ. मित्तल ने बताया कि सही समय पर जांच और उपचार करवाने से इन समस्याओं को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग ने मूत्र रोग से ग्रसित लगभग 200 से अधिक महिलाओं की सर्जरी कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिया है।
महिलाओं में यूरोलॉजिकल बीमारियों की जागरूकता जरूरी क्यों ?
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार मूत्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त कई महिलाएं डॉक्टर से परामर्श लेने में संकोच करती हैं और अस्पताल नहीं जातीं। इस लापरवाही से भविष्य में यह समस्याएं गंभीर हो सकती है। जबकि समय रहते सही इलाज करने से ऐसी महिलाएं सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकती हैं।
- महिलाओं में प्रमुख यूरोलॉजिकल समस्याएं
- अनियंत्रित मूत्र रिसाव
- मूत्राशय और योनि के बीच असामान्य मार्ग
- मूत्रवाहिनी (यूरेटर) और योनि के बीच असामान्य मार्ग
- मूत्राशय और गर्भाशय के बीच असामान्य मार्ग
- मूत्रमार्ग संकुचन (यूरेथ्रल स्ट्रिक्चर)
- बार-बार पेशाब आने की समस्या
- मूत्राशय में लगातार जलन और दर्द
- योनि का अंदरूनी हिस्सा नीचे आना
- खांसने, छींकने या हंसने पर मूत्र रिसाव
- बार-बार पेशाब में संक्रमण
- नसों की समस्या के कारण मूत्राशय का सही से काम न करना
इनपुट- एम्स ऋषिकेश