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विद्यार्थियों को पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी फील्ड में प्रशिक्षण में सहयोग करेगा स्विस ग्रुप

नौवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए करार पर हस्ताक्षर

देहरादून। स्विस एजुकेशन ग्रुप राज्य में विद्यार्थियों के लिए व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने में भी सहयोग करेगा।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सचिवालय में समग्र शिक्षा उत्तराखंड और स्विस एजुकेशन ग्रुप, स्विटजरलैंंड के बीच इसको लेकर करार किया गया।

उत्तराखण्ड में नौवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने के लिए राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं स्विस एजुकेशन ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हिराज आर्टिनियन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में विद्यर्थियों को व्यावसायिक शिक्षा के तहत पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में बेहतर प्रशिक्षण के लिए यह समझौता आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा. राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन के साथ ही ईको टूरिज्म, वैलनेस को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने समझौते में अहम भूमिका निभाने पर अभय दास महाराज का आभार व्यक्त किया। लगभग चार माह पूर्व इन क्षेत्रों में राज्य को सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री एवं अभय दास महाराज के बीच चर्चा हुई थी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी, स्विस एजुकेशन ग्रुप से सूर्य प्रताप सिंह भाटी, अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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