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फलों को खराब होने से बचाएगा मिश्रित कागज से बना रैपर

इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएनएसटी), मोहाली के शोधकर्ताओं ने कार्बन (ग्राफीन ऑक्साइड) से बना एक मिश्रित (कम्पोजिट) पेपर विकसित किया है। फलों को खराब होने से बचाने के लिए इस पेपर को प्रिजर्वेटिव्स (परिरक्षकों) से लैस किया गया है। कम्पोजिट पेपर विकसित करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए रैपर के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।

फलों को परीरक्षित करने की मौजूदा डिपिंग तकनीक में परिरक्षक, फल द्वारा सोख लिए जाते हैं, जिससे फलों के विषाक्त होने का खतरा रहता है। इसके विपरीत नया विकसित किया गया रैपर सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही प्रिजर्वेटिव रिलीज करता है। इस रैपर की एक खासियत यह भी है कि इसका दोबारा उपयोग किया जा सकता है, जो फलों के परिरक्षण के लिए वर्तमान में प्रचलित तकनीक के साथ संभव नहीं है।

इस पेपर को विकसित करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि यह नया उत्पाद फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ाकर किसानों और खाद्य उद्योग को लाभ पहुँचा सकता है। उनका कहना है कि नये रैपर के उपयोग से फिनोल सामग्री में सुधार देखा गया है। फिनोल, कोल टार से प्राप्त होने वाला हल्का अम्लीय विषाक्त सफेद क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है, जिसका उपयोग रासायन निर्माण और घुलित रूप में (कार्बोलिक नाम के तहत) एक कीटाणुनाशक के रूप में होता है।

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से सम्बद्ध स्वायत्त संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी (आईएनएसटी) के शोधकर्ताओं ने डॉ. पीएस विजयकुमार के नेतृत्व में यह अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं की कोशिश एक ऐसा विकल्प तलाश करने की थी, जो अपशिष्ट से विकसित हो सके, और जिससे फलों में परिरक्षकों के सोखने की समस्या न हो।

इस ग्राफीन फ्रूट रैपर के उत्पादन के लिए केवल बायोमास के ताप से उत्पादित कार्बन की आवश्यकता होती है। डॉ. विजयकुमार ने कहा है कि “अपशिष्टों से प्राप्त कार्बन सामग्री को भारी मात्रा में कार्बनिक अणुओं को धारण करने के लिए जाना जाता है, और इस तरह परिरक्षक भारित कार्बन तैयार किया गया है, और फलों के संरक्षण के लिए उसे कागज में ढाला गया है। कार्बनिक अणुओं को धारण करने के लिए कार्बन की क्षमता बढ़ाने से हमें इस उत्पाद को विकसित करने में मदद मिली है।”

शोधकर्ताओं का दावा है कि फलों के लिए इस रैपर का उपयोग करने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ग्राहकों को बेहतर गुणवत्ता के फल मिल सकें।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग डॉ जितेंद्र सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि कार्बन (ग्राफीन ऑक्साइड) से बने मिश्रित कागज का लाभ बड़े पैमाने पर किसानों के साथ-साथ फूड इंडस्ट्री को भी हो सकता है।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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