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ICAR-IISWC Farmer Support Uttarakhand: पर्वतीय कृषि क्षेत्रों में किसानों ने बताईं कई दिक्कतें

ICAR-IISWC Farmer Support Uttarakhand: देहरादून, 4 जून 2025ICAR–भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (ICAR-IISWC), देहरादून ने विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA) 2025 के दौरान उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकारी रेखा विभागों से निरंतर और पारदर्शी सहयोग की अत्यंत आवश्यकता को उजागर किया है। किसानों ने लगातार यह बताया कि उन्हें रेखा विभागों के अधिकारियों से बहुत सीमित या कोई सहायता प्राप्त नहीं हो रही है।

प्रमुख चुनौतियाँ जो किसानों के सामने हैं:

  • जानकारी की सीमित उपलब्धता: किसानों को उनके लिए लागू योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी बहुत कम मिल पाती है।
  • भौगोलिक बाधाएँ: ऊँचाई, दुर्गम स्थलाकृति और सीमित सड़क नेटवर्क के कारण सरकारी अधिकारी किसानों के खेतों तक नहीं पहुँच पाते हैं।
  • कार्मिकों की कमी: स्टाफ की कमी और अन्य दायित्वों के कारण अधिकारी किसानों को प्रभावी सहायता नहीं दे पा रहे हैं।

इन समस्याओं को दूर करने के लिए उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करना बेहद ज़रूरी है, ताकि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहायता सुनिश्चित की जा सके।

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ICAR-IISWC की रणनीतिक पहल (3 जून 2025):

ICAR-IISWC ने पाँच वैज्ञानिक दलों को 13 गाँवों में किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तैनात किया। इन टीमों ने निम्नलिखित सामान्य समस्याएँ पहचानीं:

  • वन्यजीव क्षति: जंगली सूअर, मोर, बंदर, खरगोश और भौंकने वाले हिरण जैसी प्रजातियों द्वारा फसलों को नुकसान।
  • फसल रोग: बीन्स, कोलोकेसिया, मक्का, चना, अदरक, गन्ना और पॉपलर जैसी फसलों में रूट रॉट, स्टेम बोरर, सूत्रकृमि, पत्तियों का सूखना, और पौधों का मरना आदि।
  • सिंचाई की चुनौतियाँ: पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था और जल की कमी।
  • बाजार संबंधी समस्याएँ: दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण उत्पादन और विपणन में कठिनाई।

ग्राम भ्रमण विवरण (3 जून 2025):

ICAR-IISWC के वैज्ञानिकों की पाँच टीमों ने सहसपुर, रायपुर, भगवानपुर और चकराता ब्लॉक के कुल 13 गाँवों का भ्रमण किया। इन भ्रमणों के दौरान वैज्ञानिकों ने 596 किसानों से बातचीत की, उनकी समस्याओं को सुना और स्थल-विशेष कृषि सलाह प्रदान की। खरीफ फसलों के लिए वैज्ञानिक सलाह और व्यावहारिक समाधान (ICAR-IISWC Farmer Support Uttarakhand )सुझाए गए ताकि स्थानीय चुनौतियों का समाधान हो सके और उत्पादकता में सुधार हो।

ब्लॉक  भ्रमण किए गए गांव
सहसपुर किमाड़ी, नौभागा, रिक्खोली
रायपुर धारकोट, कटकोड़, सिमियांड
भगवानपुर बुग्गावाला, छंगामाजरी, शिसोना
चकराता होडा, कोरुवा, सैंज

VKSA 2025 अभियान, जो 29 मई से 12 जून 2025 तक चल रहा है, किसानों को वैज्ञानिक कृषि ज्ञान और आधुनिक तकनीकों से सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी पहल है।

समन्वय टीम: इस अभियान का संचालन डॉ. एम.मधु (निदेशक) के मार्गदर्शन में डॉ. बांके बिहारी, डॉ. एम. मुरुगानंदम (प्रधान वैज्ञानिक), अनिल चौहान (CTO), इं. अमित चौहान (ACTO), प्रवीण तोमर (STO), तथा मीना पंत (PA) द्वारा किया जा रहा है। यह टीम इस अभियान का अधिकतम उपयोग कर किसानों की समस्याओं का समाधान करने और सतत कृषि के लिए अनुसंधानपरक अंतर्दृष्टियाँ प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Rajesh Pandey

newslive24x7.com टीम के सदस्य राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून के निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। जीवन का मंत्र- बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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