DisasterFeaturedUttarakhand

देखिए वीडियो- एसडीआरएफ ने तेज बहाव वाली नदियों में फंसे लोगों को बचाया

देहरादून के कुमाल्डा क्षेत्र में बादल फटा, एसडीआरएफ ने 40 से अधिक को रेस्क्यू किया

देहरादून। एसडीआरएफ (SDRF Uttarakhand Police) ने देहरादून जिले में प्रेमनगर और रायपुर क्षेत्र में नदियों के तेज प्रवाह में फंसे दो व्यक्तियों को बचा लिया। वहीं, बादल फटने से प्रभावित कुमाल्डा क्षेत्र में फोर्स ने 40 से अधिक व्यक्तियों को सकुशल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

SDRF Uttarakhand Police ने ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। बताया गया कि देहरादून जिले में थानो -रायपुर रोड के बीच पुल टूटने से एक व्यक्ति नदी में फंस गया था। सूचना पर एसडीआरएफ ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर युवक को सकुशल बचा लिया।

वहीं, देर रात जनपद देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र में एक व्यक्ति के नदी में फंसे होने की सूचना पर SDRF रेस्क्यू टीम ने घने अंधेरे में ही व्यक्ति तक पहुंच बनाई और उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर लाया गया।

उधर, देर रात देहरादून के ग्राम सरखेत,रायपुर में बादल फटने से क्षेत्र में पानी भर गया। सूचना मिलते ही तत्काल एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हो गई। ट्वीट में बताया गया कि , SDRF ने मध्य रात्रि से ही रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर सरखेत ग्राम से 40 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। अभी कुमाल्ड़ा क्षेत्र में आपदा राहत बचाव अभियान जारी है।

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button