Creativity

वो छोटे–छोटे पौधे

वो कुछ छोटे–छोटे पौधे थे
अभी नयी उजड़ी – सीधी काटी गई मिट्टी पर
शायद करोंदा और साल के कुछ नवांकुर भी .
सड़क के लिए काटी गई जमीन तेज बारिश में
बहकर मैदानों में बाढ़ ला रही है
इसलिए ये छोटे- छोटे पौधे – Newslive24x7.com plants (1)
देहरादून  के राष्ट्रीय मार्ग पर
मिट्टी को बचाने का जतन कर रहे हैं …
सीधी खड़ी मिट्टी की ढांग पर
ये  धीरे धीरे जड़ें जमा रहे हैं
फिर एक दिन तेजी से बढ़ जाएंगे
खड़े हो जाएंगे –
सड़कों की भ्रष्टाचार की जमीन पर
जहां गड्ढे ही गड्ढे  हैं
पुल गायब हैं,ट्रालियाँ हाथ काटती हैं
जो करता है विरोध सड़क ,खनन पुल के करप्शन का
उसको मार डालती हैं सड़कें और
Newslive24x7.com plants (2)उसके गड्ढे , उसके रपटे  और पुल भी
पर छोटे से करोंदे, साल के
वो छोटे छोटे पौधे जो उगे हैं
गलत तरीके से काटी गई सड़क के  दोनों ओर
सीधे और चुपचाप बारिश के  साथ
भ्रष्टाचार की जमीन को खोदकर
गाड़ रही हैं अपनी जड़ें  गहरी ओर गहरी
हरे और ताज़ी पत्तियों के  साथ !

  • जेपी मैठाणी

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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