FeaturedhealthNewsUttarakhand

एम्स ऋषिकेश के सीनियर डॉक्टर संतोष, लोगों के बीच जाकर पूछते हैं स्वास्थ्य समस्याएं

डॉ. संतोष कुमार, जो एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसिन विभाग में एडिशनल प्रोफेसर हैं

ऋषिकेश। न्यूज लाइव

एम्स ऋषिकेश के सीनियर डॉक्टर संतोष, जब भी समय मिलता है, लोगों के बीच जाकर उनको जागरूक करने के साथ, उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर बात करते हैं। उनका कहना है, हम चाहते हैं, अस्वस्थ होने पर लोग सीधा डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स से ही सलाह लें। सबसे खास बात यह है कि हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य पाने के लिए जागरूक होना चाहिए, यह तभी संभव होगा, जब उनको जानकारियां मिलती रहें। ऐसे में लोग किसी समस्या के शुरुआती लक्षण पता चलते ही बिना देर किए डॉक्टर्स से सलाह लेने जाएं। वहीं, हर व्यक्ति को अपने बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार के साथ अपने शरीर के प्रति कर्तव्यों का भी ज्ञान होना चाहिए।

डॉ. संतोष कुमार, जो एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसिन विभाग में एडिशनल प्रोफेसर हैं, शुक्रवार को ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर स्थित आउटरीच कम्युनिटी सेंटर पर महिलाओं से संवाद कर रहे थे।

डॉ. संतोष अक्सर कम्युनिटी के बीच जाकर बात करते हैं। बताते हैं, सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है। महिलाओं से वार्ता का विषय बेहतर स्वास्थ्य हमारा अधिकार है, पर अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमारे कुछ कर्तव्य भी हैं। क्या हम प्रतिदिन अपने शरीर की देखभाल के लिए आधा से एक घंटा दे सकते हैं। हम अपने सिर से लेकर पैरों तक अपने शरीर को देखें, कहीं कोई तकलीफ तो नहीं।

किसी भी शारीरिक समस्या के निदान के लिए डॉक्टर से सलाह लेने के लिए समय निकाल सकते हैं। हमें पता होना चाहिए कि रोग के निदान के लिए कहां जाना है।

Also Read: कैंसर उपचार के लिए भारत की पहली, दुनिया की सबसे सस्ती घरेलू जीन थेरेपी सुविधा शुुरू

Also Read: बड़ी खबरः एम्स ऋषिकेश ने डेढ़ माह के बच्चे के बेडौल सिर को सर्जरी से दिया गोल आकार

डॉ. संतोष कुमार बताते हैं, यह हर व्यक्ति का अधिकार है कि वो डॉक्टर से स्वास्थ्य संबंधी सलाह लें। पर, आपको यह बात जाननी होगी कि रोग के निदान के लिए या फिर रोग से बचाव के लिए आप किनके पास जा रहे हैं, क्या स्वास्थ्य संबंधी सलाह या दवा देने वाले व्यक्ति उस विषय के जानकार हैं या नहीं। कई बार लोग ऐसे व्यक्तियों के पास इलाज के लिए जाते हैं, जो भ्रमित करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि आपको जागरूक रहना होगा।

Also Read: AIIMS Rishikesh में एक अप्रैल से कटे होंठ और तालू की निःशुल्क सर्जरी

Also Read: बड़ी खबरः AIIMS Rishikesh में की गई खतरनाक परजीवी से फैलने वाले दुर्लभ रोग की सर्जरी

उन्होंने उदाहरण के साथ समझाया, आपको घर के लिए आटा चाहिए, तो आप सीधा परचून की दुकान पर जाएंगे, न कि किसी और सामान की दुकान पर। यदि आप आटे के लिए परचून की दुकान या फिर उस स्थान पर नहीं गए जहां आटा बिकता है तो आपका समय खराब होगा और धन भी।

डॉ. संतोष कुमार महिलाओं से पूछते हैं, बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमें करना चाहिए। उनके सवाल पर महिलाएं बताती हैं, हमें अपने घर और आसपास स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। आशा कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहना चाहिए। हमारा स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी हमारे बच्चे भी स्वस्थ होंगे और उनकी पढ़ाई लिखाई में ध्यान दे पाएंगे। हम जागरूक होंगे तो समय पर रोग का पता चल सकता है।

Also Read: बड़ी खबर: अब एम्स ऋषिकेश में हो रही छोटे बच्चों की हार्ट सर्जरी

Also Read: बच्चों में हड्डियों से जुड़ीं इन बीमारियों के बारे में जान लीजिए

संवाद के दौरान एक सवाल पर, महिलाएं उनको बताती हैं, सरकारी अस्पतालों में कई रोगों के चिकित्सक नहीं हैं। चिकित्सकों की कमी की वजह से रोगियों को कई घंटे लाइन में लगना पड़ता है।

डॉ. संतोष महिलाओं से जानना चाहा कि उनको सरकार की किन योजनाओं की जानकारी है, जो उनके लाभ के लिए बनी हैं। महिलाओं ने जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान योजनाओं के नाम बताए। इस पर डॉक्टर संतोष ने उनको बताया कि आपको आशा कार्यकर्ताओं से योजनाओं के बारे में पूछना चाहिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आपको योजनाओं के बारे में बताते हैं। आप नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर पूछ सकते हैं। आपको योजनाओं के बारे में पता होगा, तभी तो आप उनका लाभ उठा पाएंगे। सरकार ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बहुत योजनाएं लागू की हैं।

Also Read: अच्छी नींद के लिए ये हैं कुछ आदतें

Also Read: एम्स ऋषिकेश की यह सलाह मानिए, दूर रहेंगे मानसिक तनाव से

संवाद में कक्षा दस की छात्रा दिव्यांशी ने कहा, स्कूल स्तर पर छात्राओं को जागरूक किया जाना चाहिए। स्कूलों में स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

डॉ. संतोष एक उदाहरण के साथ बताते हैं, कई बार रोगी अस्पताल में तब जाते हैं, जब उनका रोग काफी बढ़ जाता है। शुगर 500 पर पहुंचता है तो रोगी डॉक्टर के पास आते हैं, इससे पहले अधिकतर लोग अपनी मर्जी से दवा खाते हैं या दवा नहीं खाते। हम अपने संसाधन, जैसे कि कार, मकान या अन्य वस्तुओं की सुरक्षा को लेकर जागरूक रहते हैं, पर सबसे महत्वपूर्ण शरीर यानी अपना जीवन, इसका ख्याल नहीं रखते।

Contact Us:

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker