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उत्तराखंड में छह प्रदूषित नदियों के पुनर्रुद्धार के लिए नई परियोजनाएं मंजूर

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने उत्तराखंड की छह प्रदूषित नदियों (Polluted rivers of Uttarakhand) के पुनर्रुद्धार के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी दी।

एनएमसीजी की 36वीं कार्यकारी समिति की महानिदेशक मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन नदियों के प्रदूषित हिस्सों के लिए उत्तराखंड राज्य मिशन के प्रस्तावों को समीक्षा करके अंतिम रूप दिया गया। इन योजनाओं पर विचार के लिए चुनाव आयोग के पास भी प्रस्ताव भेजा गया।

स्वीकृत परियोजनाओं के तहत “इंटरसेप्शन एंड डायवर्जन (आई एंड डी) और छह एसटीपी का कार्य शामिल है।

प्रदूषित हो चुकी भेला, ढेला, किच्छा, कोसी, नंधौर, पिलाखर और काशीपुर नदियों को फिर से जीवंत किया जाएगा।

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सीवेज (आईएंडडी) योजना (ढेला नदी) चरण -1 के तहत उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिला में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 199.36 करोड़ रुपये की लागत वाले कुल 17 नालों में बहने वाले पानी को छह एसटीपी की ओर डायवर्ट किया जाएगा। इन एसटीपी की कुल 30.30 एमएलडी की ट्रीटमेंट क्षमता है।

परियोजना कुमाऊं क्षेत्र में छह प्रदूषित नदियों को कवर करेगी। शेष तीन प्रदूषित हिस्सों में से गंगा परियोजना के तहत हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित हिस्सों को पहले से ही चालू कर दिया गया है और शेष दो हिस्सों पर नमामि गंगे परियोजना के तहत कार्य पहले से ही चल रहा हैं।

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इन परियोजनाओं के शामिल होने के साथ, उत्तराखंड राज्य की नदियों के सभी प्रदूषित हिस्सों को प्रदूषण उन्मूलन परियोजनाओं के तहत कवर कर लिया गया है। परियोजना का एक और महत्वपूर्ण और प्रगतिशील हिस्सा व्यापक रूप से कीचड़ प्रबंधन व्यवस्था और इन सभी एसटीपी में सेप्टेज का सह-ट्रीटमेंट है।

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प्रदूषित हिस्सों के लिए राज्यों की कार्य योजना की प्रगति की समीक्षा केंद्रीय निगरानी समिति कर रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी हाल ही में इन परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा की और राज्य सरकार के भी मंत्री इस समीक्षा में शामिल हुए।

नदी के आधार पर स्वीकृत परियोजनाओं का विवरण नीचे दिया गया है:

क्रम संख्या

नदी का नाम

आई एंड डी के तहत नालों का ट्रीटमेंट

एसटीपी की संख्या

(स्थान)

क्षमता(एमएलडी)

क्षेत्र शामिल

1

भेला

2

2

(जशपुर, हेमपुर इस्माइल)

3.00

काशीपुर से राजपुर टांडा

2

ढेला

4

3

(काशीपुर, बेलीजुड़ी, गुलरिया )

10.80

काशीपुर से गढ़वाला ठाकुर द्वारा

3

किच्छा (गोला)

6

1 (किच्छा शहर)

3.00

किच्छा के साथ

4

कोसी

3

1 (मुकुंदपुर)

0.50

सुल्तानपुर से पत्तीकलन

5

नंधौर

1

1 (सितारगंज)

3.00

सितारगंज के साथ

6

पिलाखर

1

1(बाजपुर)

10.00

बाजपुर का डाउनस्ट्रीम

कुल

17

09

30.30

 

नमामि गंगे (Namami Gange) कार्यक्रम के तहत गंगा के किनारे प्रदूषण कम करने के लिए उत्तराखंड में गंगा के कस्बों की सीवेज परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और मिशन, प्रदूषित हिस्सों पर प्राथमिकता के साथ गंगा की सहायक नदियों के कायाकल्प पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

देश में नदियों के प्रदूषित हिस्सों की पहचान करने वाली सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड राज्य में कुल नौ प्रदूषित हिस्से थे और उनमें से छह हिस्से जिला उधम सिंह नगर में विभिन्न सहायक नदियों या भेला, ढेला, किच्छा जैसी छोटी नदियों पर थे।

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नंधौर, पिलंखा और कोसी और दो हिस्से रिस्पना-बिंदल और सुसवा पर थे। जिन्हें आई एंड डी रिस्पना-बिंदल परियोजना में शामिल किया जा रहा है, जो नमामि गंगे कार्यक्रम हिस्सा हैं।

जबकि एक हिस्सा,डाउनस्ट्रीम जगजीतपुर मुख्य नदी गंगा पर था, जो पहले से ही जगजीतपुर एसटीपी परियोजना का हिस्सा है।

बैठक के दौरान एनसीजी के कार्यकारी निदेशक ईडी (प्रोजेक्ट्स) अशोक कुमार सिंह,  ईडी (वित्त) रोजी अग्रवाल, ईडी (तकनीकी) डीपी मथुरियाऔर स्वच्छ गंगा मिशन के राज्य परियोजना निदेशक उदय राज सिंह भी उपस्थित थे।- PIB

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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