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केस स्टडीः ग्रामोत्थान परियोजना ने दिखाई आर्थिक प्रगति की राह

देहरादून। 03 मार्च 2025
चमोली जिले की टंगसा गांव की निवासी मंजू देवी ने वर्ष 2024-25 में मिनी डेयरी लगाई। डेयरी स्थापित करने में उनको ग्रामोत्थान परियोजना से मदद मिली। व्यक्तिगत उद्यम योजना के तहत स्थापित उद्यम से उनको आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। प्रतिदिन मिनी डेयरी से 22 लीटर दूध का बेचकर ₹18 से 20 हजार तक की आय प्राप्त कर रही हैं। उनका कहना है, सरकार की योजना से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।
ग्रामोत्थान परियोजना ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत कर रही है। चमोली जिले में योजना के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिससे ग्रामीण घर पर बैठकर ही आय कर रहे हैं।
जिला परियोजना प्रबंधक ममराज सिंह चौहान ने बताया कि ग्रामोत्थान परियोजना के तहत जनपद में 25 क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाई गई हैं, जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन, डेयरी यूनिट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, ब्यूटी पार्लर, सिलाई सेंटर, रिटेल शॉप, फर्नीचर निर्माण, ढाबा, रेस्टोरेंट, फूड प्रोसेसिंग यूनिट जैसे उद्यमों का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत जनपद में कृषि आधारित योजनाओं में 53, गैर कृषि आधारित उद्यम में 55 तथा एक्सट्रीम व अल्ट्रा पुअर योजना के तहत 300 ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया है।
उन्होंने बताया, कृषि आधारित व व्यक्तिगत उद्यम योजना में परियोजना की ओर से 30 प्रतिशत तथा लाभार्थी की ओर से 20 प्रतिशत का अंशदान किया जाता है। जबकि शेष धनराशि बैंक ऋण के माध्यम से प्रदान की जाती है। जिससे ग्रामीण उद्यम की स्थापना कर सकता है।
कुजौं-मैकोट निवासी अमिता देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से उन्होंने गांव में रिटेल शॉप स्थापित की। जिसके माध्यम से वर्तमान में घर पर ही रहते हुए ₹10 हजार प्रतिमाह आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने योजना को गरीब तबके की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कारगर बताया है।- साभार- उत्तराखंड सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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