agricultureFeaturedfoodUncategorizedUttarakhand

कृषक संघों के उत्पादों की बिक्री के लिए ‘ग्राम्य श्री’ का लोकार्पण

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड देहरादून पर ‘ग्राम्य श्री’ विक्रय केंद्र का लोकार्पण किया। यहां जलागम विभाग उत्तराखंड के तहत बनाए गए कृषक संघों के उत्पाद उपलब्ध रहेंगे। मुख्यमंत्री ने यहां रखे उत्पादों का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के विक्रय केन्द्र से जहां उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक उत्पाद मिलेंगे, वहीं किसानों, ग्रामीणों को भी उनके उत्पादों के लिए बाजार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें खेती में नये तरीकों को अपनाना होगा। जहां खेत छोटे-छोटे हैं, वहां मिलकर कृषि की जा सकती है। बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन करना होगा। साथ ही ‘ग्राम्य श्री’ जैसे विक्रय केन्द्र जगह जगह स्थापित करने होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनाएंगे। ग्राम्या फेज 3 के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने मां सुरकंडा समूह धारकोट को डीप फ्रीजर, ग्राइन्डर, माइक्रोवेव ओवन प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने ‘ग्राम्य श्री’ रेडियो जिंगल और कैटेलॉग का भी लोकार्पण किया।

Keywords:- SHG, Gramya Shree, Uttarakhand CM, CM Uttarakhand, Jalagam, Gramya II

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button