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जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन- प्रशासन को उनकी चिंता हैः सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए हमेशा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।
सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हों। आपात स्थिति में रेस्पोंस टाइम को कम से कम किया जाए। कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन प्रशासन को उनकी चिंता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अनावश्यक परेशान न होना पड़े। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि तहसील स्तर की समस्याओं का समाधान तहसील स्तर पर और जिला स्तर की समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर ही हो जाए।
किसी भी स्तर पर कोई पेंडेंसी न रहे। जीरो पेंडेंसी कार्यप्रणाली का मूलमंत्र हो। फाइलों के निस्तारण की प्रक्रिया में सुधार लाया जाए। जनहित के कार्यों में शिथिलता न आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों में पूरा समन्वय हो। किसी तरह का कम्युनिकेशन गैप न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल का बहुत महत्व है। समय समय पर मॉक ड्रिल अवश्य की जाए। आपदा कंट्रोल रूम निरंतर एक्टिव रहे। अवरुद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करें।
यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितो को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाइयों की उपलब्धता हो। संचार की सुचारू व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने पूर्व में आई आपदाओं में किए गए राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी लेते हुए कहा कि इनकी भी लगातार मानिटरिंग की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है, उनमें प्रक्रियाओं में किसी तरह की देरी न हो।
रैणी में आपदा की जद में आए परिवारों का विस्थापन कराया जाना है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को आराकोट जाकर वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में स्वीकृत डाप्लर राडार की स्थापना में तेजी लाई जाए। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को हाल ही में स्वीकृत राहत राशि का वितरण तत्काल करवाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक संख्या में जियोलाजिस्ट की नियुक्ति कर ली जाए। आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकाप्टर्स का उपयोग करें, ताकि आम लोगों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके। इनका उपयोग मेडिकल इमरजेन्सी व अन्य आपदा संबंधित कार्यों में किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी से हाल ही में देवप्रयाग क्षेत्र में सक्रिय हुए बाघ के बारे में भी जानकारी ली।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनंद बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव नितेश झा, सचिव दिलीप जावलकर, एसए मुरूगेशन, सहित शासन, आर्मी, एनडीआरएफ, बीआरओ, आईटीबीपी, आईएमडी के वरिष्ठ अधिकारी और जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
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