
AIIMS Rishikesh Convocation 2025: 434 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को ऋषिकेश स्थित एम्स के पांचवें दीक्षांत (AIIMS Rishikesh Convocation 2025) समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर नड्डा ने कहा कि देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं में देशभर के एम्स संस्थानों की उपलब्धियों पर रोशनी डालते हुए कहा कि “इस सदी के आगमन तक भारत में केवल एक एम्स था। वर्तमान में, देश में 22 एम्स हैं।” एम्स ऋषिकेश ने अपनी बेहतरीन सेवाओं के कारण स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के बीच एक विशिष्ट पहचान बनाई है।
उन्होंने नागरिकों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सरकार ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो न केवल उपचारात्मक हो, बल्कि निवारक, उपशामक और पुनर्वासात्मक भी हो।”
- देशभर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं
- दस वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 101प्रतिशत और एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत की वृद्धि
- पीजी सीटों में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
नड्डा ने कहा, “वर्तमान में, देशभर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं, जो स्वास्थ्य सेवा और कल्याण से संबंधित कई तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं। पिछले 10 वर्षों में, देशभर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 101 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह कुल 780 हो गई है।
पिछले 10 वर्षों में एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पीजी सीटों में 138 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।”
उन्होंने कहा, “इसी तरह, पैरामेडिक्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए, 157 नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो मेडिकल कॉलेजों के साथ ही स्थित होंगे।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं के प्रभावी उपयोग के लिए एम्स ऋषिकेश की सराहना की, जिसमें 309 गंभीर रोगियों को बचाया गया।
उन्होंने राज्य के दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने के लिए टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक होने के लिए एम्स ऋषिकेश को भी बधाई दी।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने छात्रों को अपने काम के प्रति करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस बात पर बल देते हुए कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपये खर्च करती है, उन्होंने नए डॉक्टरों से आग्रह किया कि अपने पेशेवर करियर की शुरुआत करते समय अधिक जिम्मेदारियां निभाएं।
नड्डा ने एम्स में इन सुविधाओं का उद्घाटन किया
कार्यक्रम के दौरान नड्डा ने संस्थान की चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए कई स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में एक पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस सुविधा और बाल चिकित्सा देखभाल में उन्नत बाल रोग विज्ञान केंद्र शामिल हैं।
दीक्षांत समारोह के दौरान 434 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं
AIIMS Rishikesh Convocation 2025 समारोह के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने एमबीबीएस, डीएम, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग और बीएससी एलाइड हेल्थ साइंसेज कार्यक्रमों के 10 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री प्रदान की।
दीक्षांत समारोह के दौरान कुल 434 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जिनमें 98 एमबीबीएस छात्र, 95 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग छात्र, 54 बीएससी एलाइड हेल्थ साइंसेज छात्र, 109 एमडी/एमएस/एमडीएस छात्र, 17 एमएससी नर्सिंग छात्र, एक एमएससी मेडिकल एलाइड छात्र, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ छात्र, 40 डीएम/एमसीएच छात्र और 8 पीएचडी छात्र शामिल हैं।
ऋषिकेश एम्स उन्नत चिकित्सा उपचार प्रदान कर रहा: धामी
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयुष्मान भारत जैसी पहलों तथा नए एम्स और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ पिछले दशक में देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय उन्नति हुई है।
उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश पूरे राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं और सुविधाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये संस्थान रोगियों को रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसी उन्नत चिकित्सा उपचार प्रदान कर रहा है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश में हेली-एम्बुलेंस सेवाओं के उद्घाटन पर भी प्रकाश डाला।
धामी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि उत्तराखंड में 5,000 से अधिक ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और राज्य में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए काम कर रही है।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, लोकसभा सदस्य अजय भट्ट, अजय टम्टा और त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण, एम्स ऋषिकेश के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी, कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्य श्री, उप निदेशक (प्रशासन) कर्नल राजीव सेन रॉय, डीन परीक्षा प्रो. प्रशांत पाटिल, वित्तीय सलाहकार लेफ्टिनेंट कर्नल एस. सिद्धार्थ, आयोजन समिति की अध्यक्ष प्रो. लतिका मोहन, विभिन्न विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्य, अधिकारी, मेडिकल और नर्सिंग के छात्र उपस्थित रहे।- साभार- पीआईबी
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