CareerDigitalFeaturedNews

क्या इंटरनेट का कम इस्तेमाल करके भी बचा सकते हैं पानी

पानी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं डेटा सेंटर्स, दुनियाभर में हो रहा विरोध

न्यूज लाइव डेस्क, 12 मार्च 2025

दुनियाभर में डेटा सेंटर्स का विरोध हो रहा है, इसकी वजह पर्यावरण पर संकट के साथ पानी के बहुत ज्यादा इस्तेमाल को माना जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चिली में कई कंपनियां अपने एआई डेटा सेंटर बना रही हैं। यहां एक पर्यावरण संगठन डेटा सेंटरों के निर्माण का विरोध कर रहा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि चिली की राजधानी सैंटियागो सूखा प्रभावित इलाका है और डेटा सेंटरों में पानी की भारी खपत होती है। बताया जा रहा है कि डेटा सेंटर प्रति सेकंड 169 लीटर पानी खर्च करता है। पानी और बिजली के अलावा, डेटा सेंटर को सिलिकॉन, तांबा, सोना और एल्युमीनियम जैसी धातुओं की भी आवश्यकता होती है। इन संसाधनों का खनन पर्यावरण के लिए हानिकारक है।

इंटरनेट हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है, यह हमें दूरस्थ क्षेत्रों से शिक्षा, सूचना, संवाद की अनुमति देता है। यह आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाता है। इंटरनेट का उपयोग पूरी तरह से बंद करना आवश्यक नहीं है, लेकिन हमें अपने उपयोग के बारे में अधिक जागरूक होने और इसके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।

आइए जानते हैं डेटा सेंटर क्या होते हैं और इनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमसे क्या संबंध है।

हम अपने स्मार्ट फोन, सोशल मीडिया एकाउंट, ईमेल, गूगल सर्च, ऑनलाइन शॉपिंग, जो भी कुछ डिजीटल इस्तेमाल करते हैं, उससे डेटा उत्पन्न होता है। यह हमारी दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा है।

  • हम जो कुछ भी करते हैं:
    • जब आप अपने स्मार्टफोन पर कोई फोटो लेते हैं, तो वह एक डेटा फाइल के रूप में सेव हो जाती है।
    • जब आप सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट करते हैं, तो वह भी एक डेटा के रूप में सेव होता है।
    • जब आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, तो आपकी खरीदारी का विवरण एक डेटा रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया जाता है।
    • जब आप गूगल पर कुछ भी सर्च करते हैं तो वो भी डेटा के रूप में सेव होता है।
  • सेंसर और मशीनें:
    • मौसम स्टेशन तापमान, वर्षा और हवा की गति जैसे डेटा एकत्र करते हैं।
    • फैक्ट्रियों में मशीनें उत्पादों के उत्पादन के बारे में डेटा रिकॉर्ड करती हैं।
    • स्मार्ट होम डिवाइस, जैसे कि थर्मोस्टेट और सुरक्षा कैमरे, लगातार डेटा एकत्र करते हैं।
  • व्यावसायिक लेनदेन:
    • बैंक आपके द्वारा किए गए सभी लेनदेन का डेटा रिकॉर्ड करते हैं।
    • सुपरमार्केट आपके द्वारा खरीदे गए सभी उत्पादों का डेटा रिकॉर्ड करते हैं।
    • ऑनलाइन विज्ञापन कंपनियां आपकी ब्राउज़िंग आदतों का डेटा एकत्र करती हैं।

डेटा उत्पन्न करने के कुछ और तरीके:

  • ऑनलाइन गतिविधियाँ:
    • जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपकी ब्राउज़िंग आदतों का डेटा एकत्र किया जाता है।
    • जब आप किसी ऑनलाइन गेम में खेलते हैं, तो आपके प्रदर्शन का डेटा रिकॉर्ड किया जाता है।
  • मोबाइल उपकरण:
    • आपके स्मार्टफोन और टैबलेट आपके स्थान, आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले ऐप्स और आपकी कॉल हिस्ट्री के बारे में डेटा एकत्र करते हैं।
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT):
    • IoT डिवाइस, जैसे कि स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर, आपके स्वास्थ्य और गतिविधि के स्तर के बारे में डेटा एकत्र करते हैं।

संक्षेप में, डेटा किसी भी चीज के बारे में जानकारी का एक हिस्सा है, जिसे रिकॉर्ड किया जा सकता है। यह जानकारी टेक्स्ट, चित्र, ध्वनि, वीडियो या किसी अन्य रूप में हो सकती है।

क्या हैं डेटा सेंटर्स

डेटा सेंटर्स विशाल स्टोरेज सुविधाएं हैं, जहां बड़ी मात्रा में डिजिटल जानकारी संग्रहीत और संसाधित (Processed) की जाती है। ये हमारे द्वारा प्रतिदिन पैदा किए जाने वाले डेटा की भारी मात्रा को संभालने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। डेटा सेंटर्स हमारे डिजिटल जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे हमें जानकारी संग्रहीत करने, संसाधित करने और एक्सेस करने की अनुमति देते हैं।

डेटा सेंटर्स में किस प्रकार का डेटा एकत्र किया जाता है:

  • व्यक्तिगत डेटा: इसमें हमारा नाम, पता, फोन नंबर, ईमेल पता, सोशल मीडिया प्रोफाइल और ऑनलाइन गतिविधियां शामिल है।
  • लेनदेन डेटा: इसमें हमारी खरीदारी, बैंकिंग लेनदेन और अन्य वित्तीय गतिविधियां शामिल हैं।
  • सेंसर डेटा: इसमें मौसम स्टेशन, फैक्ट्रियों और स्मार्ट होम उपकरणों से एकत्र किया गया डेटा शामिल है।
  • मशीन डेटा: इसमें कंप्यूटर, सर्वर और अन्य उपकरणों द्वारा उत्पन्न डेटा शामिल है।
  • मीडिया डेटा: इसमें फोटो, वीडियो और ऑडियो फाइलें शामिल हैं।

डेटा सेंटर्स में एकत्र किए गए डेटा का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि

  • डेटा विश्लेषण: व्यवसाय ग्राहकों की जरूरतों को समझने और बेहतर निर्णय लेने के लिए डेटा का विश्लेषण करते हैं।
  • क्लाउड कंप्यूटिंग: डेटा सेंटर्स क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं को शक्ति प्रदान करते हैं, जो हमें इंटरनेट पर डेटा संग्रहीत करने और एक्सेस करने की अनुमति देती हैं।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): डेटा का उपयोग AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है, जो हमें विभिन्न प्रकार के कार्य करने में मदद करते हैं, जैसे कि भाषा अनुवाद और चित्रों की पहचान आदि।
  • वेबसाइट और ऐप्स: डेटा सेंटर्स वेबसाइटों और ऐप्स को क्षमता प्रदान करते हैं, जिनका हम दैनिक उपयोग करते हैं।

डेटा सेंटर में पानी की खपत:

डेटा सेंटर बड़ी मात्रा में ऊर्जा और पानी का उपयोग करते हैं, जिससे वे पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन जाते हैं। डेटा सेंटर पानी की खपत कई कारणों से करते हैं।

  • कूलिंग: डेटा सेंटर में बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं जो बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं। इस गर्मी को दूर करने के लिए, डेटा सेंटर अक्सर कूलिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं, जो पानी का उपयोग करते हैं।
  • आर्द्रता नियंत्रण: डेटा सेंटर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ठीक से काम करने के लिए एक विशिष्ट आर्द्रता स्तर की आवश्यकता होती है। कुछ डेटा सेंटर आर्द्रता को नियंत्रित करने के लिए पानी का उपयोग करते हैं।
  • अग्नि शमन: डेटा सेंटर में आग लगने का खतरा होता है। कुछ डेटा सेंटर आग को बुझाने के लिए पानी आधारित प्रणालियों का उपयोग करते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पानी की खपत:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का विकास डेटा सेंटरों में पानी की खपत को कई तरह से बढ़ा रहा है।

  • AI मॉडल को प्रशिक्षित करने और संचालित करने के लिए भारी मात्रा में कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होती है, जिससे अधिक गर्मी उत्पन्न होती है और अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
  • AI की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, डेटा केंद्रों का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे पानी की कुल खपत में वृद्धि होती है।

इंटरनेट का कम उपयोग बचाता है पानी और ऊर्जा 

इंटरनेट के उपयोग को कम करने से निश्चित रूप से पानी और ऊर्जा की बचत हो सकती है। हालांकि इंटरनेट हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। यह हमें सूचनाएं पहुँचाने, जानकारियां बढ़ाने, संवाद करने, सीखने और मनोरंजन करने की अनुमति देता है। यह व्यवसायों को बढ़ने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह हमें दूर से काम करने और सीखने की अनुमति देता है, जो यात्रा और ऊर्जा की खपत को कम कर सकता है।

इंटरनेट का पर्यावरणीय प्रभाव:

  • डेटा सेंटर्स बड़ी मात्रा में ऊर्जा और पानी का उपयोग करते हैं।
  • इंटरनेट का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक कचरे का उत्पादन करता है।
  • वीडियो स्ट्रीमिंग और ऑनलाइन गेमिंग जैसी गतिविधियाँ बड़ी मात्रा में डेटा का उपयोग करती हैं, जो ऊर्जा की खपत को बढ़ाती हैं।
  • हम क्या कर सकते हैं:
    • अपने इंटरनेट के उपयोग को कम करने का प्रयास कर सकते हैं।
    • जब संभव हो तो वाई-फाई का उपयोग करें, क्योंकि यह मोबाइल डेटा की तुलना में कम ऊर्जा का उपयोग करता है।
    • वीडियो को कम रिज़ॉल्यूशन में स्ट्रीम करें।
    • जब आप उनका उपयोग नहीं कर रहे हों तो अपने उपकरणों को बंद कर दें।
    • इलेक्ट्रॉनिक कचरे को ठीक से रिसाइकल करें।
    • ऐसी कंपनियों का समर्थन करें जो नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करती हैं।

यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं:

  • अपने ईमेल इनबॉक्स को नियमित रूप से साफ करें।
  • उन एप्स को अनइंस्टॉल करें जिनका आप उपयोग नहीं करते हैं।
  • अपने ब्राउज़र में विज्ञापन अवरोधक का उपयोग करें।
  • क्लाउड स्टोरेज का कम से कम उपयोग करें।- साभार AI 

 

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button