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देहरादून की कैंट सीट पर भाजपा की सविता कपूर जीतीं, देहरादून जिले से पहली महिला विधायक

देहरादून। देहरादून की कैंट सीट पर भाजपा की सविता कपूर ने कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना को हरा दिया। देहरादून जिला में यह पहला मौका है, जब किसी महिला ने विधायक के चुनाव में जीत हासिल की हो। उन्होंने कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना को 20,938 वोट से हराया। उत्तरप्रदेश के समय से लेकर आज तक के विधानसभा चुनाव में देहरादून जिला से सविता कपूर पहली महिला विधायक निर्वाचित हुईं।

Dehradun Cantt. 21 Savita Kapoor
Bharatiya Janata Party i
Suryakant Dhasmana
Indian National Congress i
20938 Result Declared

 

यह है देहरादून की कैंट सीट पर चुनाव परिणाम का विवरण-

Uttarakhand-Dehradun Cantt.
Result Status
O.S.N. Candidate Party EVM Votes Postal Votes Total Votes % of Votes
1 Jaspal Singh Bahujan Samaj Party 415 11 426 0.55
2 Savita Kapoor Bharatiya Janata Party 45058 434 45492 59.16
3 Suryakant Dhasmana Indian National Congress 24246 308 24554 31.93
4 Anirudh Kala Uttarakhand Kranti Dal 800 13 813 1.06
5 Dr. R K Pathak Samajwadi Party 133 1 134 0.17
6 Ravinder Singh Anand Aam Aadmi Party 3233 32 3265 4.25
7 Vinod Aswal Rashtriya Uttarakhand Party 71 2 73 0.09
8 Mohd. Salim Peace Party 179 2 181 0.24
9 Geeta Chandola Independent 74 2 76 0.1
10 Dinesh Rawat Independent 1043 13 1056 1.37
11 Nanda Kishor Semwal Independent 108 1 109 0.14
12 Sachin Chhetri Independent 99 0 99 0.13
13 NOTA None of the Above 597 17 614 0.8
Total 76056 836 76892

 

 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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