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एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नये अपराधिक कानूनों पर ‘वार्तालाप’

नए आपराधिक कानूनों में काफी बदलाव किए गए : पुलिस महानिदेशक

देहरादून। न्यूज लाइव
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के विषय पर मीडिया कार्यशाला ’वार्तालाप’ का आयोजन किया। मुख्य अतिथि उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों में काफी बदलाव किए गए हैं।
उन्होंने बताया, भारतीय न्याय संहिता में 190 छोटे- बड़े बदलाव, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 बदलाव किए गए हैं।
डीजीपी ने बताया कि राज्य स्तर पर कानूनों को लागू करने के छह समितियों का गठन किया गया है। यह जनशक्ति समिति, प्रशिक्षण समिति, सीसीटीएनएस समिति, इंफ्रास्ट्रक्चर समिति, पुलिस मैन्युअल समिति और जागरूकता समिति हैं। नए कानूनों में फोरेंसिक जांच को अत्यधिक प्राथमिकता दी गई है।
पीआईबी अधिकारियों ने पत्रकारों को बताया, मीडिया से इन तीन नए कानूनों के बारे में विस्तृत चर्चा के लिए  उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से वार्तालाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इन तीन नए कानूनों का लक्ष्य किसी को दंड देना नहीं, अपितु न्याय देना है।
उपमहानिरीक्षक (प्रशिक्षण) बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि नए कानून पीड़ितों और नागरिकों को ज्यादा अधिकार देते हैं और न्याय व्यवस्था को समय सीमा में बांधने का काम करते हैं। नए कानूनों में फोरेंसिक एविडेंस के माध्यम से कन्विक्शन रेट में भी इजाफा होगा।
अपर पुलिस अधीक्षक, पीटीसी नरेंद्रनगर शेखर सुयाल ने तीन नए आपराधिक कानूनों पर जानकारी देते हुए बताया कि पहले के कानूनों में लंबित मामलों की संख्या में बढ़ोतरी दर की समस्या को नए कानून सुधारेंगे। नए कानूनों के तहत जब्ती के मामले में वीडियोग्राफी अब अनिवार्य कर दी गई है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सहायक विवेचना अधिकारी जावेद अहमद ने कहा कि नए कानून का मकसद न्यायिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करना है। इसमें अपराध जैसे संगठित अपराध, आतंकवाद अपराध, भारत की अखंडता और संप्रभुता को आघात पहुंचाने वाले अपराध जोड़े गए हैं।
कार्यक्रम में पीआईबी देहरादून के उप निदेशक रोहित त्रिपाठी ने पुलिस विभाग के सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद प्रेषित किया। उन्होंने कहा कि बेहतर जनतंत्र के लिए इन तीन कानूनों को लागू किया जाएगा।
इस मौके पर उत्तराखंड पुलिस के अपर महानिदेशक सीबीसीबाईडी डॉ. वी मुरगेशन, अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था एपी अंशुमन सहित पुलिस विभाग और पीआईबी के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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