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Valley of flower
शशिदेवली
फूलों की घाटी
कुदरत ने जो बिखेरी है ये वो
चादर है हसीन वादियों में,
खिला है हर रंग-रूप यहाँ
क्या छटा है पाई इन घाटियों ने ।
इस हँसी जहाँ में जन्नत का
ये नजारा और कहाँ,
भूल कर उस शहर की भीड़ को 

खुद को खोज लो यहाँ तन्हाइयों में।
खूबसूरती इसकी बेहिसाब
अल्फाजों में भी कहाँ सिमट पायेगी
ये नूर और रंगत का शबाब है
खुशबू ही तो बिखरायेगी ।
इस मुक्कमल जहाँ में
न मुनासिब है कहीं
ये वो हसीन ख्वाब सा है
जिसे देख जिन्दगी यूँ ही
सँवर जायेगी ।
विरासत है ये पहाड़ की
जिसे संजोए हुए रखना है
फूलों का शहर है इत्र से सजा
जिसे प्यार में डुबोए हुए रखना है ।
पसरा है जो वादियों में
एक नजारा हकीकत कहता
उस कहानी को हसीन सुरों में
सजाये हुए रखना है ।।
- शशिदेवली, गोपेश्वर चमोली