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रुद्रप्रयाग के कोठगी में नर्सिंग कॉलेज का शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोठगी में किया नर्सिंग कॉलेज का भूमि पूजन

रुद्रप्रयाग। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज रुद्रप्रयाग स्थित कोठगी में ₹20 करोड़ 44 लाख की लागत से बनने वाले नर्सिंग कॉलेज का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पहुँचे छात्र-छात्राओं को बाल दिवस की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में नर्सिंग कॉलेज के बनने से बच्चों को नर्सिंग की पढ़ाई में लाभ मिलेगा। अधिकारियों को निर्धारित समय के अन्दर निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिये गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में तेजी से काम हो रहे हैं। केदारनाथ धाम में तेज़ी से पुननिर्माण कार्य चल रहा है। यात्रा को और सुगम बनाने के लिए केदारनाथ रोपवे का निर्माण होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में 45 लाख से अधिक रजिस्टर्ड श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। यात्रा को सुगमता से संचालित करना एक बड़ी चुनौती थी, किंतु जिला प्रशासन एवं सभी जन प्रतिनिधियों के सहयोग से यात्रा का सफल संचालन किया गया।

उन्होंने कहा, युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाई जा रही है। सात हजार पदों पर जल्द ही लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी विचार साझा किए। कार्यक्रम में विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, विधायक केदारनाथ शैला रानी रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह आदि उपस्थित रहे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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