ElectionFeaturedPoliticsUttarakhand

Video: आखिर, चैंपियन अपनी किस पहचान की बात कर रहे हैं ?

देहरादून। उत्तराखंड में चुनाव नजदीक हैं और राजनेताओं की जुबानी जंग भी। चुनाव के समय नेताओं के बयानों के सियासी मतलब होते हैं। यह उनकी मन में चल रही उथल पुथल के संकेत भी देते हैं। बात करते हैं, कुंवर प्रणव चैंपियन की, जो खानपुर सीट से भाजपा के विधायक हैं। हिन्दुस्तान अखबार ने एक खबर प्रकाशित की है, जिसके अनुसार, चैंपियन कहते हैं, मेरी पहचान सिर्फ भाजपा से ही नहीं है। चैंपियन के इस बयान के राजनीतिक निहितार्थ लगाए जा रहे हैं।

सवाल उठता है कि क्या चैंपियन भाजपा को कोई संदेश देना चाहते हैं या फिर अपने कद को भाजपा से बड़ा साबित करना चाह रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी पहचान गुर्जर बिरादरी से भी है। चैंपियन यह भी कहते हैं कि वो नेशनल हैवीवेट चैंपियन रहे हैं, क्वालीफाइड हैं और वीर गुर्जर लंढौरा रियासत के राजा हैं। मेरी पहचान गुर्जरों से है।

अब हम चैंपियन के वर्ष 2002 से 2017 तक के चुनावों पर बात करते हैं। उन्होंने 2002 में लक्सर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2007 में लक्सर और 2012 में खानपुर से बतौर कांग्रेसी चुनाव जीता। 2016 में हरीश रावत की सरकार से बगावत करके भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में चैंपियन भी शामिल रहे। बाद में 2017 के चुनाव में खानपुर से ही भाजपा के टिकट पर विधायक बने।

हाल ही में हरीश रावत का एक बयान चर्चाओं में था कि हरिद्वार के भाजपा के दो विधायक उनके संपर्क में हैं। इसके बाद चैंपियन के भी यशपाल आर्य की तरह घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं।

वैसे भी, चैंपियन मीडिया की सुर्खियां बनते रहे हैं। कई बार ऐसा हुआ, जब चैंपियन की वजह से उनकी पार्टी को असहज होना पड़ा।

हिन्दुस्तान अखबार के अनुसार, चैंपियन इस बार खानपुर से अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। साथ ही, अपने से लिए भाजपा से ऐसी सीट मांग रहे हैं, जहां पार्टी कभी जीत नहीं पाई।

अब यह देखना है कि भाजपा संगठन के लिए चैंपियन के इस बयान का क्या मतलब है। वो अपनी पहचान को बड़ा बताकर भाजपा को कितना दबाव में ला पाएंगे।

अगर, भाजपा दबाव में नहीं आती तो चैंपियन खुद को कांग्रेस के कितना नजदीक ला सकेंगे। क्या चैंपियन खुद को राजनीति का चैंपियन एक बार फिर साबित कर पाएंगे?

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker