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पैसे को संभालने के लिए इन बातों को जानना हर किसी के लिए जरूरी

वित्तीय साक्षरता हर किसी के लिए महत्वपूर्ण कौशल है, चाहे उम्र, आय या पृष्ठभूमि कुछ भी हो

देहरादून। न्यूज लाइव डेस्क

वित्तीय साक्षरता हर किसी के लिए जरूरी है, क्योंकि यह व्यक्तियों को अपने वित्तीय संसाधनों को प्रभावी ढंग से मैनेज करने, सही सूचनाओं एवं जानकारियों के आधार पर निर्णय लेने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। वित्तीय साक्षरता हर किसी के लिए क्यों ज़रूरी है, इस बारे में जानना सभी के लिए जरूरी है।

सही सूचनाओं एवं जानकारियों के आधार पर निर्णय लेना: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को वित्तीय अवधारणाओं, उत्पादों और सेवाओं को समझने में सक्षम बनाती है, जिससे वो निवेश, ऋण और अन्य वित्तीय मामलों में अधिकारिक स्रोतों से मिलने वाली सही सूचनाओं एवं जानकारियों के आधार पर निर्णय लेने के लिए तैयार होते हैं।

बजट और योजना बनाना: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को यथार्थवादी बजट बनाने, खर्चों को प्राथमिकता देने और भविष्य की योजना बनाने में मदद करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वो अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करें।

ऋण प्रबंधन: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को सिखाती है कि ऋण को प्रभावी ढंग से कैसे मैनेज किया जाए। वित्तीय नुकसान से कैसे बचा जाए और ऋण चुकाने की रणनीतियाँ कैसे बनाई जाए, ताकि समय पर ऋण अदा कर सकें।

निवेश और धन सृजन:  वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को लाभकारी निवेश का निर्णय लेने, अपनी संपत्ति बढ़ाने और दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने की जानकारी देती है।

वित्तीय स्वतंत्रता: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को अपने वित्तीय जीवन पर नियंत्रण रखने, स्मार्ट वित्तीय निर्णय लेने और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।

वित्तीय नुकसान से बचना: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को वित्तीय घोटालों, धोखाधड़ी और अन्य नुकसानों को पहचानने और उनसे बचने में मदद करती है जो वित्तीय बर्बादी का कारण बन सकते हैं।

क्रेडिट स्कोर में सुधार: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को अच्छी क्रेडिट आदतें बनाए रखने, अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने और बेहतर वित्तीय अवसरों तक पहुँचने का तरीका सिखाती है।

वित्तीय तनाव को कम करना: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को वित्तीय तनाव, चिंता और अनिश्चितता का प्रबंधन करने में मदद करती है, जिससे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: वित्तीय साक्षरता व्यक्तियों को सूचित वित्तीय निर्णय लेने, अपने भविष्य में निवेश करने और आर्थिक विकास का समर्थन करने में सक्षम बनाकर आर्थिक विकास में योगदान देती है।

समग्र कल्याण को बढ़ाना: वित्तीय साक्षरता समग्र कल्याण से जुड़ी हुई है, क्योंकि वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, रिश्तों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

वित्तीय साक्षरता हर किसी के लिए महत्वपूर्ण कौशल (Skill) है, चाहे उसकी उम्र, आय या पृष्ठभूमि कुछ भी हो। यह वित्तीय स्थिरता, सुरक्षा और स्वतंत्रता प्राप्त करने का एक प्रमुख घटक है, और आज की जटिल वित्तीय दुनिया में सही, अधिकारिक सूचनाओं एवं जानकारियों पर आधारित निर्णय लेने के लिए आवश्यक है।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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