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भक्ति से आत्मनिर्भरता और स्वच्छ भारत की अनूठी पहल

ऋषिकेश। राजेश पांडेय

कीर्तन मंडली का जिक्र होते ही ध्यान महिलाओं के भजन-कीर्तन की ओर जाता है। महिलाएं ईश्वर की आराधना करती हैं, उनकी महिमा का गुणगान करती हैं और जब महिलाएं कीर्तन करती हैं तो प्रभु की भक्ति में मगन हो जाती हैं। पर, क्या आप जानते हैं, कीर्तन आत्मनिर्भरता, सामाजिक सरोकारों और महिला सशक्तिकरण की बड़ी मिसाल बन गए हैं।

डुग डुगी और प्रयास ट्रस्ट ने ऋषिकेश के आसपास के क्षेत्रों में कीर्तन मंडलियों से बात की, उनके गीतों और भजनों को सुना। वास्तव में जिन भी कीर्तन मंडलियों से मिले, उनके गीतों में रम गए। ढोलक की थाप पर लयबद्ध मन को आनंदित करते हैं।

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कीर्तन मंडलियों से पता चला कि उनको मांगलिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है। भजनों की प्रस्तुतियों पर उनको सस्नेह भेंट प्रदान की जाती है, जबकि उनके द्वारा कभी भी सम्मान राशि की मांग नहीं की जाती। इस सम्मान राशि को कीर्तन मंडलियां सामाजिक सरोकारों, जैसे कि कन्या के विवाह पर, धार्मिक कार्यक्रमों पर व्यय करती हैं।

आइए इन कीर्तन मंडलियों से आपकी मुलाकात कराते हैं…

देहरादून जिले के ऋषिकेश क्षेत्र में अमित ग्राम की गली नंबर 31 में रहने वाली महिलाओं की कीर्तन मंडली “मां राज राजेश्वरी कीर्तन मंडली” 23 साल से संचालित है। कीर्तन मंडली मांगलिक कार्यक्रमों में भक्ति गीतों की प्रस्तुतियों के साथ सामाजिक सरोकारों के लिए भी कार्य करती है। महिलाओं के सशक्तिकरण में कीर्तन मंडलियों का योगदान महत्वपूर्ण है। महिलाएं कीर्तन के माध्यम से विभिन्न आवश्यक विषयों पर लोगों को जागरूक कर रही हैं। महिलाओं ने तय किया है कि कीर्तन के दौरान लोगों को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता को लेकर भी अपील के माध्यम से जागरूक करेंगे।

ऋषिकेश के बीस बीघा क्षेत्र में मां धारी देवी कीर्तन मंडली ईश्वर भक्ति के साथ सामाजिक सरोकारों के लिए भी कार्य कर रही है। लगभग 5 साल पहले बनी कीर्तन मंडली में शामिल महिलाएं गंगा स्वच्छता मिशन से भी जुड़ी हैं और घरों के आसपास स्वच्छता के लिए कार्य करती हैं। डुगडुगी की टीम ने महिलाओं से स्वच्छता मिशन पर बात की और उनके भजनों को भी सुना। इस कीर्तन मंडली ने करीब तीन माह पहले 32 कीर्तन मंडलियों की प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान हासिल किया है। आइए सुनते हैं, महिलाओं के भजन…

ऋषिकेश के बीस बीघा क्षेत्र में रिद्धि सिद्धि कीर्तन मंडली महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। कीर्तन मंडली ने एक व्यक्ति को भी रोजगार दिया है। कीर्तन मंडली के माध्यम से महिलाएं धर्म संस्कृति के प्रसार के लिए कार्य करने के साथ ही, महिला सशक्तिकरण की इबारत लिख रही हैं। कीर्तन मंडली की सदस्यों ने अपने बचपन के गांवों में बिताए किस्सों को भी साझा किया। आइए रिद्धि सिद्धि कीर्तन मंडली से सुनते हैं- सुंदर भजनों की प्रस्तुति…

 

ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में आईडीपीएल के पास मालवीय नगर की गली नंबर पांच में मां वैष्णोदेवी कीर्तन मंडली भक्ति के साथ सामाजिक सरोकारों को भी पूरा करती है। महिलाएं कीर्तन भजन के माध्यम से लोगों को अपने से बड़ों का सम्मान करने की अपील करती हैं। उनका कहना है, दुनिया में सभी खुशहाल रहें और सम्मान के साथ जीवन बिताएं। डुग डुगी के साथ वार्ता में महिलाएं कीर्तन से सशक्तिकरण और खुशहाली की बात करती हैं और अपने गांव, बचपन के किस्सों को साझा करती हैं…

 

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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