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छोटी सी कहानी और बड़ी सीखः स्वयं को बदलो

किसी जमाने में एक राजा था, जो प्रजा के हित के लिए कार्य करता था। एक दिन उसने अपने दरबारियों के साथ राज्य का पैदल ही भ्रमण करने का निर्णय लिया। सुबह से देर शाम तक राजा पैदल चला और जनता से मुलाकात की। महल में वापस लौटने पर राजा के पैरों में काफी दर्द होने लगा, क्योंकि राजा को पैदल चलने की आदत नहीं थी।

राजा के एक दरबारी ने सुझाव दिया, महाराज राज्य की सड़कें ठीक नहीं है। इनको बदलना पड़ेगा। राजा ने निर्णय लिया, क्यों न चमड़े की सड़कें बनाई जाएं, जिन पर बिना तकलीफ चला जा सकेगा। सड़कों के लिए बड़ी मात्रा में चमड़ा चाहिए था। वहीं राज्य का काफी धन इस परियोजना पर खर्च होता। राजा अभी इन सभी खर्चों का हिसाब लगा रहा था कि एक व्यक्ति ने सुझाव दिया कि महाराज सड़कों को बदलने से अच्छा है कि हम स्वयं में क्यों न बदलाव करें। राजा ने कहा, आपकी बात का मतलब नहीं समझा, कृपया करके विस्तार से बताएं। जरूर पढ़ें- चीन की कहानीःराजा की बिल्ली का नामकरण

उस व्यक्ति ने कहा, महाराज क्यों न सभी लोग पैरों में चमड़ा पहनकर चलें, इससे सभी आसानी से सड़कों पर चल सकेंगे। राजा को यह आइडिया क्लिक कर गया और फिर पैरों में पहने जाने वाले चमड़े ने जूतों का रूप ले लिया। यह कहानी संदेश देती है कि दुनिया को बदलने की जगह स्वयं में बदलाव की पहल होगी, तो कुछ भी बदलने की जरूरत नहीं है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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