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बांस और रिंगाल से बना रहे ज्वेलरी

बांस और रिंगाल से ज्वेलरी भी बनती है। खजूर के पत्तों से झुमके बनाए गए।आगाज फेडरेशन चमोली जिले के पीपलकोटी और गरुड़ गंगा पाखी में आयोजित 15-15 दिन की कार्यशाला में बांस और रिंगाल से ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है। आगाज ने ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हिमालयन इंस्टीट्यूट फार स्किल डेवलपमेंट, क्राफ्ट, डिजाइन एंड लाइवलीहुड की स्थापना की है।

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संस्था उत्तराखंड वन विकास निगम के सहयोग से 5 अक्तूबर से 19 अक्तूबर तक पीपलकोटी स्थित बायो टूरिज्म पार्क तथा  7 अक्तूबर से 22 अक्तूबर तक   गरुड़ गंगा पाखी में बांस और रिंगाल से ज्वेलरी बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण दे रही है। ज्वेलरी डिजाइनर नीरा शर्मा की देखरेख मास्टर ट्रेनर सरस्वती और रोहिमा प्रशिक्षण दे रहे हैं। महिलाओं को खजूर के पत्तों से झुमके बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान बलविन्दर सिंह भी उपस्थित रहे।

Tags:

jewellery,desining,workshop, Uttarakhand, Chamoli, Pipalkoti, Garudganga Pakhi,newslive24x7.com

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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