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Uttarakhand: 19 साल पहले निकाली आयुर्वेदिक प्रवक्ता भर्ती के इंटरव्यू मार्क्स

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 16 मार्च 2005 में प्रकाशित किया था विज्ञापन

हरिद्वार। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने आयुर्वेदिक प्रवक्ता भर्ती के लिए मार्च 2005 में विज्ञापन जारी किया था। सूचना अधिकार के तहत अनुरोध पत्र मिलने पर आयोग ने इस परीक्षा के अभ्यर्थियों के विषयवार इंटरव्यू मार्क्स का विवरण जारी किया है। इस संबंध में आयोग ने विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई है।

आयोग के अनुसार, आयुर्वेदिक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत विभिन्न विषयों के प्रवक्ता / प्राध्यापक के रिक्त 31 पदों पर चयन के लिए 16 मार्च, 2005 को विज्ञापन प्रकाशित किया गया था।

आयोग ने मंगलवार को वेबसाइट पर जारी एक विज्ञप्ति में बताया, क्रिया शरीर, द्रव्य गुण, रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना, रोग निदान, अंगद तंत्र एवं विधि आयुर्वेद, प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग, कौमार भृत्य, काय चिकित्सा, शालाक्य तंत्र रचना शरीर, शल्य तंत्र, पंचकर्म विषयों में प्रवक्ता/प्राध्यापक पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे।

आवेदन प्राप्त होने पर 23 अक्टूबर, 2007 से 25 अक्टूबर, 2007 तक साक्षात्कार कराए गए।

प्रश्नगत साक्षात्कार के संबंध में योजित रिट याचिका-254 (एस0बी0) 2007 रमेश चन्द्र तिवारी बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में पारित अंतिम निर्णय दिनांक 07.08.2008 के आलोक में आयोग ने प्रवक्ता, क्रिया शरीर, शालाक्य तंत्र एवं प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग पदों को छोड़ते हुए अन्य सभी प्रवक्ता (रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना, रोग निदान, रचना शरीर, अंगद तंत्र एवं विधि आयुर्वेद, द्रव्य गुण, कौमार भृत्य, शल्य तंत्र, पंचकर्म, काय चिकित्सा) पदों पर स्क्रीनिंग परीक्षा कराने का निर्णय लिया, जिसके क्रम में प्रश्नगत पदों के लिए 30 जुलाई 2010 को स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित की।

स्क्रीनिंग परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार दिनांक 21 अक्टूबर, 2010 को कराया गया था।

प्रश्नगत साक्षात्कार के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अन्तर्गत प्राप्त अनुरोध पत्रों के दृष्टिगत आयोग ने 23 अक्टूबर, 2007 से 25 अक्टूबर, 2007 तक एवं दिनांक 21 अक्टूबर, 2010 को संपन्न साक्षात्कार में प्रवक्ता पदों के लिए विषयवार सम्मिलित अभ्यर्थियों के प्राप्तांकों को, अभ्यर्थियों के सूचनार्थ आयोग की वेबसाइट पर प्रसारित किया है।

अधिक जानकारी के लिए देखें आयोग की विज्ञप्ति- आयोग की विज्ञप्ति

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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