Creativity

सिमटना

उमेश राय

देखता हूँ आजकल,
सब कुछ सिमटा – सा है…
आदमी खुद में सिमटता हुआ,
घर, परिवार, समाज, राज्य, मानवता सिमटने की तरफ बढ़ते जा रहे…

संवेदना,सोच,सीमाएं संकुचित हो रहीं हैं लगातार…
इंसान कितना अकेला हो गया है !
कि खुद से भी मिलने का नहीं है वक्त उसके पास.
ये आपाधापी,भागते लोग,अनेक मुद्रा-निद्रा में रत…

पहचान कठिन हो गयी है ,
अंतस इतनी मलिन हो गयी है …

कर्म में बौनापन बढ़ता जा रहा,
अपनापन कहाँ,दिखावा छलता जा रहा…
‘सम्बन्ध’ में ‘सम’ नहीं है,
वर्गीकृत व विभक्त पहचान में जी रहे हैं लोग…

श्रद्धा नहीं,स्पर्धा में जीवन का आयाम लड़खड़ाता है,
स्पर्धा में स्नेहिल स्पर्श नहीं है मित्र!
द्वेष में कुछ भी सरस-शेष नहीं होता.
एक भीमकाय दुनियां में भटकाव है, छलाव है…
लगाव नहीं, अलगाव है…

मैं सिमटने नहीं, मिटने का आदमी हूँ,
प्रेम, संवेदना, करूणा के धरातल पर.
अगर, सिमटना ही है तो मुझे माँ की गोद में सिमटने दो…

बिना कहे, कुछ सहज कहने दो.
सृजन का जन, यहाँ सिमटकर भी,
अपरिमित विस्तार पाता है,
आखिर, प्रेम, सद्भाव, करूणा से
बड़ा क्या है?….

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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