लघु कहानीः शुरुआत और अंत
हॉस्टल में रहने वाले एक छात्र ने अपने शिक्षक का कीमती फूलदान तोड़ दिया। हालांकि उसने ऐसा जानबूझकर नहीं किया था। चलते हुए अचानक हाथ लगने से फूलदान फर्श पर गिरकर टूट गया था। तभी उसने शिक्षक के कदमों की आवाज सुनी तो वह घबरा गया। उसने जल्दी जल्दी फूलदान के टुकड़ों को वहीं छिपा दिया।
शिक्षक को अपने पास देख, छात्र ने पूछा- सर, मृत्यु क्या है। कोई क्यों मरता है। शिक्षक ने कहा, बेटा- यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु भी होती है। यह सब शुरुआत और अंत जैसा है। लंबा जीवन जीने के बाद मृत्यु का सामना करना ही पड़ता है। शिक्षक के इस जवाब पर छात्र ने राहत ली और तुरंत फूलदान के टुकड़ा दिखाते हुए कहा, सर- आपके फूलदान का भी अंतिम समय आ गया था।
फूलदान टूट गया, यह जानकर शिक्षक को काफी गुस्सा आया, लेकिन अभी तो वह शुरुआत और अंत की बात कर रहे थे, यह सोचकर मुस्करा कर रह गए। वहीं छात्र भी तुरंत अपनी राह चला गया।