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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री केदारनाथ धाम के लिए रोप वे का शिलान्यास किया

₹1267 करोड़ की लागत से बनेगा 9.7 किमी. लंबा गौरीकुंड-केदारनाथ रोप वे

रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्री केदारनाथ धाम में ₹1267 करोड़ की लागत से बनने वाले 9.7 किमी. लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ रोप वे का शिलान्यास किया। इस रोपवे के बनने से श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन के लिए सुगमता होगी।

प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक कर सबकी सुख-समृद्धि की कामना की। आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल के दर्शन भी किए। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदाकिनी एवं सरस्वती आस्था पथ पर चल रहे विभिन्न पुनर्निर्माण व विकास कार्यों का निरीक्षण कर पुनर्निर्माण कार्यों में लगे श्रमजीवियों से मुलाकात करके उनका हौसला बढ़ाया।

इस अवसर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक शैला रानी रावत, मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, एसपी आयुष अग्रवाल, तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

इससे पहले देवभूमि उत्तराखंड पहुंचने पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज श्री बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना की। उन्होंने अलकनंदा रिवर फ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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