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पर्यटन के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा संकट

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) का कहना है कि पर्यटन के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा संकट, लगातार दूसरे साल भी जारी है। वर्ष 2021 में जनवरी और मई महीनों में, अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में 2019 के स्तर की तुलना में 85 फ़ीसदी की गिरावट आंकी गई है।

संयुक्त राष्ट्र समाचार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार,  विश्व पर्यटन संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में इसी अवधि की तुलना में यह 65 फ़ीसदी गिरावट है।

यूएन एजेंसी के अनुसार, मई महीने में हालात में मामूली सुधार के बावजूद, कोविड-19  के नए प्रकारों के उभरने और पाबन्दियाँ जारी रहने से अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन की पुनर्बहाली पर असर पड़ रहा है।

इस बीच, विश्व के अनेक देशों में घरेलू पर्यटन के मामले में उछाल देखा गया है।

यूएन पर्यटन एजेंसी के नए आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 के पहले पाँच महीनों में, 2020 के दौरान इसी अवधि की तुलना में, 14 करोड़ 70 लाख कम यात्रियों ने सफ़र किया है।

महामारी से पूर्व, वर्ष 2019 की तुलना में, 46 करोड़ की कमी दर्ज की गई है. मगर डेटा दिखाता है कि मई महीने में अपेक्षाकृत हल्का बदलाव देखने को मिला है।

अप्रैल 2021 में यात्रियों के आगमन में 86 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी, जो मई में 82 प्रतिशत (मई 2019 की तुलना में) देखी गई है।

ऊपर की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे इस रुझान की वजह, यात्रा सम्बन्धी पाबन्दियों में ढील दिया जाना और उपभोक्ताओं के आत्मविश्वास में कुछ हद तक बढ़ोतरी होना बताया गया है।

विश्व पर्यटन संगठन के महासचिव ज़ुराब पोलोलिकाश्विली ने कहा, “दुनिया भर में टीकाकरण की रफ़्तार में तेज़ी लाना, निरन्तर बदल रही यात्रा पाबन्दियों के सम्बन्ध में समन्वय व संचार को असरदार बनाना और आवाजाही को सुगम्य बनाने के लिये डिजिटल औज़ारों को बढ़ावा देना, यात्रा में भरोसे का पुनर्निर्माण करने और पर्यटन को फिर से शुरू करने के लिये अति महत्वपूर्ण है।”

एशिया और प्रशान्त क्षेत्र में, अन्तरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन में सबसे अधिक गिरावट दर्ज होना जारी है। वर्ष 2021 के पहले पाँच महीनों में, वर्ष 2019 में इसी अवधि की तुलना में, अन्तरराष्ट्रीय यात्रियों में 95 प्रतिशत की कमी आई है।

योरोप इस मामले में दूसरे स्थान पर है, जहाँ 85 फ़ीसदी की कमी हुई है। इसके बाद मध्य पूर्व (83 प्रतिशत गिरावट) और फिर अफ़्रीका (81 प्रतिशत कमी) है।

अमेरिकी क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से कम गिरावट आंकी गई है। जून महीने में अपनी सीमाओं को पूरी तरह बन्द रखने वाले स्थलों की संख्या 63 रह गई, जबकि फ़रवरी में यह आंकड़ा 69 था।

इनमें से 33 एशिया और प्रशान्त में और महज़ सात योरोप में थीं, जो कि एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ फ़िलहाल यात्राओं के लिये सबसे कम पाबन्दियां हैं।

कैरीबियाई क्षेत्र में अपेक्षाकृत रूप से, मई 2021 तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखा गया है। अमेरिका से यात्राओं में बढ़ोतरी होने से कैरीबियाई व मध्य अमेरिका और मैक्सिको में पर्यटन स्थलों को लाभ मिला है।

पश्चिमी योरोप, दक्षिणी और भूमध्यसागर योरोप, दक्षिण अमेरिका और मध्य अमेरिका में अप्रैल की तुलना में मई महीने में, थोड़ा ज़्यादा बेहतर नतीजे देखने को मिले हैं।

यूएन एजेंसी के मुताबिक, अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन धीरे-धीरे रफ़्तार पकड़ रहा है, मगर पुनर्बहाली की प्रक्रिया बड़ी नाज़ुक और विषमतापूर्ण है।

कोविड-19 के नए प्रकार, डेल्टा वैरिएंट, के प्रति चिन्ता बढ़ रही है और इस वजह से अनेक देशों को दोबारा पाबन्दियां लगानी पड़ी हैं।

इसके अलावा, प्रवेश सम्बन्धी अनिवार्यताओं में उतार-चढ़ाव और स्पष्ट जानकारी का अभाव, उत्तरी गोलार्ध में गर्मी के मौसम के दौरान, अन्तरराष्ट्रीय यात्राएं फिर से शुरू करने पर असर डालता रहेगा।

मगर, विश्वभर में टीकाकरण कार्यक्रमों के साथ-साथ, वैक्सीन की ख़ुराक पूरी तरह से ले चुके यात्रियों के लिए यात्रा सम्बन्धी शर्तों में नरमी के ज़रिये, और डिजिटल समाधानों की मदद से सफ़र फिर से सामान्य बनाने के लिये प्रयासों में योगदान किया जा रहा है।

योरोपीय संघ में डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र इसी का एक उदाहरण है।

चीन और रूस ने पहले ही संकट के पूर्व के स्तर को पार कर लिया है, जबकि अमेरिका में घरेलू यात्राओं में और भी मज़बूती आ रही है।

यह लेख पहले यहां प्रकाशित हुआ।
Keywords:- History of tourism, International tourist, International travel, UNWTO Secretary, EU Digital COVID Certificate

 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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