FeaturedReligion

भगवान बदरीनाथ मंदिर के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में खोले गए

बदरीनाथ। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार प्रातः 4 बजकर 30 मिनट पर ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए गए। इससे पहले बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि 30 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूर्व निर्धारित तिथि में परिवर्तन करने के बाद शुक्रवार सुबह विधि विधान के साथ कपाट खुल गए। इस अवसर पर सीमित संख्या में लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाबा बदरीनाथ जी के दर्शन किए।
इससे पूर्व गुरुवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी सहित रावल श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी एवं गाडूघड़ा, तेल कलश के साथ योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार सेना के बैंड की मधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनाई दी।
शुक्रवार प्रातः लगभग तीन बजे से ही श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी थी। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, सेवादार हक हकूकधारी कपाट खुलने की प्रक्रिया को विधि विधान से संपन्न कराने में जुटे थे। श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे। रावल जी एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी के साथ तथा गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पूजा करने बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे।
जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः 4.30 बजे रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए। श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल जी ने मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान किए गए।
कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढे गए घृत कंबल को प्रसाद के रूप में वितरित किया। उल्लेखनीय है कि माणा गांव की महिलाओं द्वारा तैयार हाथ से बुने गए घृतकंबल को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया जाता रहा है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही विश्व में आरोग्यता एवं कल्याण की प्रार्थना की गई।
इस बार भगवान बदरीविशाल की प्रथम पूजा.अर्चना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से मानवता के कल्याण ,आरोग्यता के लिए संपन्न की गई। वहीं ऑनलाइन बुक हो चुकी पूजा को श्रद्धालु व यात्रियों की ओर से उनके नाम संपादित किया जाएगा।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित माता लक्ष्मी मंदिर, श्री गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण जी का मंदिर, परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के द्वार खुल गए।
वहीं माणा के निकट स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर तथा श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी खुल गए। बदरीनाथ स्थित खाक चौक में हनुमान मंदिर के द्वार भी खुल गए हैं ।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश.विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र ही कोरोना महामारी समाप्त हो जाएगी। यथाशीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थयात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे।
कपाटोद्घाटन के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बीडी सिंह, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, अभिसूचना निरीक्षक सूर्य प्रकाश शाह आदि उपस्थित रहे। 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button