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हर घंटे में 17 लोगों की जान ले रहे सड़क हादसे

नई दिल्ली।  केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की बुधवार को पेश रिपोर्ट ने देश में सडक सुरक्षा की बदहाली की ओर इशारा किया। हालांकि 2015 की तुलना में 2016 में सड़क हादसों में करीब 4.1 प्रतिशत गिरावट बताई गई है, लेकिन इनमें मारे गए लोगों की संख्या 3.2 फीसदी बढ़ गई। इसके अनुसार देश में हर घंटे में 17 लोग मारे जा रहे हैं, जबकि रोजाना 413 लोगों की सड़कों पर मौत हो रही है। चेन्नई में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई। देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले 18 से 35 साल तक के युवाओं की संख्या 46.3 फीसदी है। 34.5 मौतें नेशनल हाईवे पर हुईं।सबसे ज्यादा 33.8 प्रतिशत दुपहिया वाहन सवार हादसों का शिकार हुए। यह आंकड़ा 2015 की तुलना में पांच फीसदी बढ़ा है।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की 2016 के सड़क हादसों पर रिपोर्ट में बताया गया कि 13 राज्यों तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और हरियाणा में होने वाली सड़क दुर्घटनाएं देशभर में होने वाले कुल सड़क हादसों का 86 प्रतिशत है। इसी तरह 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले 84 प्रतिशत व्यक्ति उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा और बिहार से हैं।

2016 में 4लाख 80 हजार 652 सड़क हादसे हुए औऱ इनमें एक लाख 50हजार 785 लोगों की मौत हुई। आकलन किया जाए तो देश में रोजाना लगभग 1317 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। हर घंटे में 55 सड़क हादसे हुए। लगभग हर मिनट में एक हादसा हुआ। 2015 में 5 लाख एक हजार 423 सड़क दुर्घटनाओं में 1 लाख 46 हजार 133 लोगों की मृत्यु हुई थी। 2016 में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मंत्रालय के वार्षिक प्रकाशन ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2016’ को जारी करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या को देखते हुए सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के मामले में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है लेकिन ये आंकड़े उत्साहवर्धक हैं। यह प्रकाशन वर्ष 2016 के लिए सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के पुलिस विभाग से मिले दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़ों का संग्रह है।

गडकरी ने बताया कि 2017 की पहली छमाही के दुर्घटना संबंधी आंकड़ें  उत्साहवर्धक हैं, इसमें जनवरी से जुलाई, 2017 के बीच सड़क दुर्घटनाओं में ती प्रतिशत, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में 4.75 प्रतिशत की गिरावट आई है। जनवरी से जुलाई, 2017 के बीच सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 2,36,458 पर आ गई जबकि 2016 में इसी अवधि के दौरान यह 2,43,870 थी।

इसी अवधि के दौरान दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 2016 में 79,354 थी जो घटकर 2017 में 75,583 पर आ गई। 2017 की पहली छमाही में 25 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में कमी आई। केवल असम, बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में इस अवधि के दौरान 2-8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

प्रकाशन के अनुसार चेन्नई में सबसे अधिक (7,486) सड़क दुर्घटनाएं हुई। जबकि दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक व्यक्ति (1,591) मारे गए। 2016 में सड़क दुर्घटनाओं का शिकार 18-35 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 46.3 प्रतिशत (69,851 व्यक्ति) और 18-45 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 68.6 प्रतिशत (1,03,409 व्यक्ति) थी, जबकि 18-60 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 83.3 प्रतिशत (1,25,583 व्यक्ति) थी।

वाहनों की श्रेणी में सबसे अधिक दुपहिया वाहन (33.8 प्रतिशत) सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हुए। इसके बाद कार, जीप और टैक्सियां (23.6 प्रतिशत), ट्रक, टैम्पों, ट्रैक्टर और अन्य वाहन (21.0 प्रतिशत), बस (7.8 प्रतिशत), ऑटो रिक्शा (6.5 प्रतिशत) तथा अन्य मोटर वाहन (2.8 प्रतिशत) सड़क दुर्घटनाओं की चपेट में आए। कुल सड़क दुर्घटनाओं की चपेट में आने  वाले दुपहिया वाहनों की संख्या 2015 में 28.8 प्रतिशत थी जो 2016 में बढ़कर 33.8 प्रतिशत हो गई।

गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने सड़कों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है। इसमें सुरक्षा बढ़ाने के लिए सड़क अभियांत्रिकी उपाय, बेहतर वाहन सुरक्षा मानक, चालकों और सामान्य जनता के लिए शिक्षा और जागरूकता, सड़क सुरक्षा कानून को लागू करना तथा दुर्घटना के बाद प्रतिक्रिया और ट्रॉमा केयर सुविधाओं को बढ़ाना शामिल हैं। मंत्रालय ने दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों की पहचान की है और उनमें सुधार किया है।

गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में लोकसभा के स्थानीय सांसद की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति जिले की सड़क स्थितियों में सुधार के लिए स्थानीय पॉलटेक्निक छात्रों की मदद लेगी। गडकरी ने सड़क सुरक्षा पर वेबसाइट www.missionroadsafety.com  की शुरुआत की जिसे आईआईटी दिल्ली के छात्रों की मदद से तैयार किया गया है। यह वेबसाइट सड़क दुर्घटनाओं और उससे संबंधित जानकारियों के बारे में आंकड़ें देगी।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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