उत्तराखंड चुनावः किसी एक दल का गढ़ नहीं रहा रामनगर
रामनगर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव लड़ने की चर्चाएं
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आने से पहले एक सवाल उठ रहा है, वो है रामनगर सीट पर चुनाव कौन लड़ेगा। क्या पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत यहां से प्रत्याशी होंगे। इस सवाल का जवाब तो बाद में मिलेगा, पर यहां से कभी उनके करीबी नेताओं में शामिल रहे और अब धुर विरोधी रंजीत रावत भी मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं।
इस सीट पर कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की बागडोर संभाल रहे हरीश रावत को प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोध का सामना करना पड़ेगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि अभी तक हरीश रावत ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वो किस सीट पर चुनाव लड़ेंगे। उनके पहले डीडीहाट सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही थी, पर वहां से प्रदीप सिंह पाल को प्रत्याशी बनाया गया है। इस सीट पर भाजपा के बिशन सिंह चुफाल प्रत्याशी हैं। चुफाल यहां 1996 से लगातार जीत दर्ज करा रहे हैं। यह सीट 25 साल से भाजपा के पास है।
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उत्तराखंड के नैनीताल जिला में आने वाली रामनगर विधानसभा क्षेत्र किसी एक दल का गढ़ नहीं रहा। यहां बारी-बारी से कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के प्रत्याशी निर्वाचित होते रहे। वर्ष 2002 के पहले चुनाव में यहां से कांग्रेस के योगंबर सिंह ने भाजपा के दिवान सिंह बिष्ट को हराया। उस समय उत्तराखंड में कांग्रेस ने नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में सरकार बनाई। नारायण दत्त तिवारी के लिए योगंबर सिंह ने सीट छोड़ी। अगस्त 2002 में हुए चुनाव में मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने यहां से भाजपा प्रत्याशी एडवोकेट राम सिंह बिष्ट को हराया। उनको कुल मतदान के 74.75 फीसदी मत हासिल हुए थे।
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2007 में रामनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी दिवान सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी योगंबर सिंह को हराया। 2007 में उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनी थी। 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी अमृता रावत ने भाजपा के दिवान सिंह को पराजित किया। 2012 में उत्तराखंड में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। 2017 में भाजपा के दिवान सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रावत को हराया।
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2017 में उत्तराखंड में भाजपा ने सरकार बनाई थी। कुल मिलाकर 2017 तक के नतीजों के अनुसार कहा जा सकता है कि अभी तक रामनगर सीट ने कांग्रेस और भाजपा को बारी-बारी से मौका दिया है। 2022 के चुनावों के नतीजे क्या होंगे, यह तो परिणाम के बाद ही कहा जा सकता है।